देशभर में आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों और बैंक कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, डाक विभाग, रेलवे, बीमा कंपनियों और परिवहन विभाग के कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इसके चलते देश के कई हिस्सों में आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
किन मांगों को लेकर हो रही हड़ताल?
हड़ताल का नेतृत्व कर रही संयुक्त ट्रेड यूनियनें केंद्र सरकार की कथित "मज़दूर विरोधी" नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। उनकी प्रमुख मांगों में नई लेबर कोड की वापसी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजीकरण पर रोक, नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली शामिल हैं। बैंक कर्मचारी यूनियनें भी वेतन पुनरीक्षण और बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल में शामिल हैं।
कौन-कौन सी सेवाएं होंगी प्रभावित?
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बैंकिंग सेवाएं: सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंक शाखाएं बंद रहेंगी या सीमित स्टाफ के साथ काम करेंगी। चेक क्लीयरेंस, नकदी जमा-निकासी, डिमांड ड्राफ्ट जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी। हालांकि, डिजिटल बैंकिंग और एटीएम सेवाएं सामान्य रहने की उम्मीद है।
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डाक विभाग: पोस्ट ऑफिस के कई केंद्रों पर कामकाज ठप रह सकता है। इससे रजिस्ट्री, मनी ऑर्डर और अन्य डाक सेवाओं में देरी हो सकती है।
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रेलवे और परिवहन: रेलवे कर्मचारियों के शामिल होने से कुछ रूट्स पर ट्रेन सेवाएं बाधित हो सकती हैं। वहीं, सड़कों पर प्रदर्शन के चलते कई शहरों में यातायात जाम की स्थिति बन सकती है। खासकर दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में लोग ऑफिस आने-जाने में परेशानी का सामना कर सकते हैं।
प्रशासन की तैयारी
राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है, वहीं किसी भी प्रकार की हिंसा या अवरोध की स्थिति में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।