देश के कई हिस्सों में ठंड अब पूरी तरह से दस्तक दे चुकी है। उत्तरी क्षेत्रों में तापमान लगातार नीचे जा रहा है और सुबह-शाम कड़ाके की ठिठुरन महसूस की जा रही है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर का असर गहराता जा रहा है। कई जगहों पर पारा सामान्य से कई डिग्री नीचे पहुंच गया है, जिससे लोगों को हीटर और अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहने की संभावना है। इससे सड़क और हवाई यातायात दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम और मणिपुर में भी घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। कोहरे की परत इतनी घनी होने की आशंका है कि दृश्यता बेहद कम स्तर तक गिर सकती है, जिससे वाहन चालकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होगी।
इसी बीच दक्षिण भारत और द्वीप क्षेत्रों में मौसम का मिजाज एकदम उलट दिख रहा है। केरल, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की संभावना के चलते मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में मजबूत हवाओं के साथ गरज-चमक वाली बारिश के आसार हैं। समुद्री इलाकों में ऊंची लहरों का जोखिम भी बढ़ सकता है, इसलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत में ठंड का मौजूदा दौर आगे और तेज होने वाला है। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि 13 दिसंबर से सर्दी में और बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने और उत्तर की ओर से आने वाली बर्फीली हवाओं के कारण तापमान में गिरावट और तेज हो सकती है। इससे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्री, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा तक शीतलहर की नई लहर असर दिखा सकती है।
रात के तापमान में अचानक गिरावट के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ने की आशंका बताई जा रही है। विशेषज्ञ बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी रखने की सलाह दे रहे हैं। ठंड से बचने के लिए परतदार कपड़े पहनने, गर्म पेय सेवन करने और सुबह के समय कोहरे में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है।
तेज़ी से बदलते इस मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को पूरी तरह दो अलग मौसमों का अनुभव हो रहा है—एक ओर उत्तर की कड़ाके की सर्दी, तो दूसरी ओर दक्षिण की भारी बारिश। मौसमी उतार-चढ़ाव आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकते हैं।