दर्पण न्यूज़ सर्विस
नई दिल्ली, 10 फरवरीः संसद के बजट सेशन के आखिरी दिन लोकसभा में शनिवार को राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ चर्चा की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को 4:58 बजे बोलने आए और 42 मिनट की स्पीच में अपनी सरकार की 5 साल की उपलब्धियां गिनाईं।
प्रधानमंत्री ने कहा- पिछला 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा। PM ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थिति में संसद की कार्यवाही, पेपरलेस पार्लियामेंट की शुरुआत और 17वीं लोकसभा में 97% प्रोडक्टिविटी की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने कोरोना के समय सांसदों के सांसद निधि छोड़ने, सांसदों की 30% सैलरी कटौती, संसद की कैंटीन में समान रेट लागू किए जाने को लेकर सांसदों के सहयोग की भी तारीफ की। उन्होंने कोरोना के दौरान कुछ सांसदों के निधन पर भी दुख जताया।
PM ने नए संसद भवन, सेंगोल की स्थापना, जी-20 के आयोजन पर भी सांसदों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने 5 साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने, अंग्रेजों की दंड संहिता हटाकर न्याय संहिता लाने, तीन तलाक कानून, पेपर लीक-चीटिंग बिल, डेटा प्रोटक्शन बिल, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहा- हमारी सरकार ने 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी जैसे फैसलों की चर्चा दुनिया ने की।
मोदी ने अंत में कहा- राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प-शक्ति से परिणाम हासिल करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री की स्पीच मिनट टु मिनट पढ़ें...
अपडेट्स
05:40 PM10 फ़रवरी 2024
बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे
राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प और शक्ति से उत्तम परिणाम हासिल करते रहेंगे।
चुनाव नजदीक हैं, कुछ लोगों को घबराहट रहती होगी
चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। कुछ लोगों को घबराहट रहती होगी। यह लोकतंत्र का सहज और आवश्यक पहलू है। हम इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। हमारे चुनाव ही देश की शान बढ़ाने वाले हैं। लोकतंत्र की परंपरा पूरे विश्व को अचंभित करने वाली रहेगी।
सांसदों से मिले सहयोग, निर्णय कर पाए। कभी कभी हमले भी ऐसे हुए कि भीतर की शक्ति निखर आई। मेरा तो ऐसा ही रहा है चुनौती मिली तो और अच्छे से सामने आए।
लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है
विकट काल में हमारा समय गया, क्योंकि डेढ़-दो साल कोविड ने दबाव डाला। इस समय हमने कई साथियों को खो दिया। हो सकता है कि वो हमारे बीच मौजूद रहते। इसका दुख हमें हमेशा रहेगा।
ये अंतिम संत्र और अंतिम घंटा है। लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है। ये देश किसी मकसद के लिए है। ये पूरी मानव जाति के लिए है। ऐसे ही अरविंदो, स्वामी विवेकानंद ने भी देखा था। उस विजन में जो सामर्थ्य था वो आज हम आंखों के सामने देख पा रहे हैं।
ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी की चर्चा दुनिया ने की
कोर्ट के चक्कर से बचाने के लिए मध्यस्थता कानून की दिशा में भी सांसदों ने भूमिका अदा की। हमेशा हाशिया पर थे, जिन्हें कोई पूछता नहीं था। सरकार होने का उनको अहसास हुआ है। जब कोविड में मुफ्त इंजेक्शन मिलता था तो उसे भरोसा होता था जान बच गई। सरकार होने का उसे अहसास होता था।
ट्रांसजेंडर अपमानित महसूस करता था, बार-बार ऐसा होता था तो विकृतियों की आशंका बढ़ती थी। इनके प्रति भी संवेदना जताई। 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। दुनिया हमारे निर्णयों की चर्चा करती है। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी की चर्चा दुनिया के समृद्ध देशों को भी आश्चर्यचकित करते हैं।
60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हमने हटाया है
कंपनीज एक्ट, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हमने हटाया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इसकी जरूरी थी। कई कानून ऐसे थे कि छोटे-छोटे वजह से लोगों को जेल में डाल दो। कंपनी है और बाथरूम 6 महीने में व्हाइट वाश नहीं कराया तो जेल में डाल दो। ये जो नागरिक पर भरोसा करने का काम था, ये लोकसभा ने किया। जनविश्वास एक्ट 180 से ज्यादा प्रावधान डीक्रिमिनलाइज करने का काम किया।
देश ने जो आर्थिक रीफॉर्म किए हैं, उनमें सभी सांसदों की भूमिका रही
देश ने जो आर्थिक रीफॉर्म किए हैं, उनमें सभी सांसदों की भूमिका रही। बीते वर्षों में हजारों कम्पलाएंसेस से बेवजह जनता जनार्दन को ऐसी चीजों में उलझाए रखा, उसमें से मुक्ति दिलाने का काम हुआ है। सामान्य व्यक्ति इसके बोझ में दब जाता है। लोगों की जिंदगी में से जितना जल्द सरकार निकल जाए, उतना लोगों का जीवन अच्छा होगा। रोजमर्रा की जिंदगी में हर कदम पर सरकार टांग क्यों अड़ाए। सरकार का प्रभाव उसकी जिंदगी को ही प्रभावित कर दे, ऐसा लोकतंत्र नहीं हो सकता है।
स्पेस की दिशा में महत्वपूर्ण काम हुए
जल-थल-नभ सदियों से इन पर चर्चा चली है। आज समुद्री शक्ति और स्पेस की शक्ति और साइबर की शक्ति। इनका मुकाबला करने की जरूरत उठ खड़ी हुई है। यहां हमें सामर्थ्य पैदा करना है और नकारात्मक शक्तियों का सामाना करना है। स्पेस की दिशा में ऐसा काम हुआ है।
21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड्स पूरी तरह बदल रही है
21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड्स पूरी तरह बदल रही है, कल तक जिसका मूल्य नहीं था वो आने वाले समय में अमूल्य बन गया है। जैसे डेटा, हमने डेटा प्रोटक्शन बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है। वो भविष्य को बनाने के लिए सही इस्तेमाल करेंगे। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोडक्शन एक्ट बनाया। डाटा का उपयोग कैसे हो, उसकी भी गाइडलाइन उसमें हैं। जिस डेटा को लोग गोल्ड माइन कहते हैं, वो सामर्थ्य भारत को प्राप्त होगा। सिर्फ हमारे रेलवे पैसेंजर्स का डेटा दुनिया के लिए संशोधन का विषय बन सकता है।
05:25 PM10 फ़रवरी 2024
पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं
5 साल में युवाओं के लिए कानून बने। पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं। युवाओं को व्यवस्था के प्रति गुस्सा था, उसे एड्रेस करने का सभी सांसदों ने महत्वपूर्ण फैसला किया है। ये बात सही है कि कोई भी मानव जाति अनुसंधान के बिना नहीं चल सकती है। मानव जाति का लाखों साल का इतिहास गवाह है कि हर काल में अनुसंधान होते रहे हैं, जीवन का विस्तार होता गया है। सदन ने विधिवत रूप से कानूनी व्यवस्था खड़ी कर अनुसंधान को प्रोत्साहन देने का काम किया। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के परिणाम दूरगामी होंगे।
आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण, देश इच्छित परिणाम हासिल करेगा
आने वाले 25 साल महत्वपूर्ण हैं। राजनीति अपनी जगह है, राजनीतिक लोगों की आशाएं अलग हैं। देश की आकांक्षा, संकल्प बना चुका है। 25 साल वो हैं, जब देश इच्छित परिणाम हासिल करेगा।
1930 में दांडी यात्रा शुरू थी, तब ये घटना छोटी थी। 1947 तक 25 साल के कालखंड ने हर व्यक्ति के दिल में जज्बा पैदा करर दिया था कि मैं आजाद हूंगा। आज देश में वो जज्बा दिख रहा है कि 25 साल में विकसित भारत बनकर दिखाएंगे। हममें से कोई ऐसा नहीं होगा, जिसका सपना यही होगा। कुछ लोगों ने इसे संकल्प बना लिया है, जो नहीं जुड़ पाएंगे और जीवित होंगे, वो इसका फल तो जरूर खाएंगे।
05:22 PM10 फ़रवरी 2024
मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति इसी सदन ने दिया
कितने उतार-चढ़ाव से मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं तीन तलाक का। इससे मुक्ति और नारी सम्मान का कार्य 17वीं लोकसभा ने किया। सभी सांसदों के विचार कुछ भी रहे हों, लेकिन ये कहेंगे कि न्याय करने के मौके पर हम मौजूद थे। वो बहनें हमें आशीर्वाद दे रही हैं।
05:21 PM10 फ़रवरी 2024
जब भी इस नए सदन की चर्चा होगी, तो नारी शक्ति अधिनियम का जिक्र होगा
हम 75 साल तक अंग्रेजों की दंड सहिंता में जी रहे थे। गर्व से कह सकते हैं कि आने वाली पीढ़ियां न्याय संहिता में जिएंगी।
नया सदन भव्य है, उसका प्रारंभ एक ऐसे काम से हुआ है, जो भारत की मूलभूत मान्यताओं को बल देता है। वो नारी शक्ति वंदन अधिनियम है। जब भी इस नए सदन की चर्चा होगी, तो नारी शक्ति अधिनियम का जिक्र होगा ही। सदन की पवित्रता का अहसास तभी शुरू हो गया था।
05:18 PM10 फ़रवरी 2024
इसी सदन ने 370 हटाया
इस कार्यकाल में बहुत री-फॉर्म हुए, जो गेम चेंजर हैं। 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है। बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रहे हैं। सदन ने अपनी हिस्सेदारी जताई। हम कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां, जिन बातों का इंतजार करती थीं, ऐसे बहुत से काम इस 17वीं लोकसभा के माध्यम से पूरे हुए।
पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ। अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान का सपना देखा था, हर पल एक दरार दिखती थी, रुकावट चुभती थी। इसी सदन ने 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप को, पूर्ण प्रकाश के साथ प्रगटीकरण किया। संविधान के 75 वर्ष हुए, जिन महापुरुषों ने संविधान को बनाया, उनकी आत्मा हमें आशीर्वाद देती होगी।
05:14 PM10 फ़रवरी 2024
इस लोकसभा के पहले सत्र में दोनों सदन ने रिकॉर्ड 30 विधेयक पारित किए
इस लोकसभा के पहले सत्र में दोनों सदन ने 30 विधेयक पारित किए, ये रिकॉर्ड है। आजादी के 75 वर्ष पूरा होने का उत्सव पर हमारे सदन ने महत्वपूर्ण काम किए। शायद ही कोई सांसद होगा, जिसने इस मौके को अपने क्षेत्र में लोकोत्सव बना दिया। संविधान लागू होने के 75 वर्ष का भी मौका आया।
05:12 PM10 फ़रवरी 2024
17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 97 फीसदी रही है
पेपरलेस पार्लियामेंट की शुरुआत की। शुरू में कुछ साथियों को दिक्कत हुई, लेकिन अब सब इसी से काम कर रहे हैं। आपकी कुशलता और सासंदों की जागरुकता के चलते 17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 97 फीसदी रही है। ये अपने आप में खुशी की बात है। मुझे भरोसा है कि इस लोकसभा की समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं और ये लक्ष्य रहेगा कि शत प्रतिशत कार्यवाही होगी। आपने रात-रात बैठकर सांसदों के मन की बात सुनी है।
05:12 PM10 फ़रवरी 2024
संसद की लाइब्रेरी आम लोगों के लिए खोली गई
संसद की लाइब्रेरी, जिसे उपयोग करना चाहिए वो कितना कर पाते थे, ये मैं नहीं कर सकता। आपने उसके दरवाजे आम आदमी के लिए खोल दिए। ज्ञान का ये भंडार खोल दिया।
05:10 PM10 फ़रवरी 2024
लाखों विद्यार्थी संसदीय परंपरा से जुड़े
हम संविधान सदन जिसे कहते हैं, पुरानी संसद, जिसमें महापुरुषों की जन्म जयंती पर उनकी प्रतिमा पर जाते थे। वो 10 मिनट का इवेंट होता था। आपने पूरे देश में इन महापुरुषों के लिए निबंध और भाषण का अभियान चलाया। हर राज्य से बेस्ट 2 बच्चे दिल्ली आते थे और महापुरुष की मूर्ति पर प्रोग्राम होता था। ये प्रक्रिया निरंतर चली और लाखों विद्यार्थी संसदीय परंपरा से जुड़े।
05:09 PM10 फ़रवरी 2024
इस कालखंड में जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली
ये भी सही है कि इस कालखंड में जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली। बहुत सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने अपने तरीके से विश्व के सामने भारत का सामर्थ्य और राज्य की पहचान बखूबी प्रस्तुत की। इसका प्रभाव आज भी विश्व के मन पर है। जी-20 की तरह पी-20 का जो सम्मेलन हुआ। अनेक देशों के स्पीकर आए और आपने मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारत की सदियों से चली आ रही वैल्यूज को पेश किया।
05:08 PM10 फ़रवरी 2024
संसद के नए भवन में एक विरासत का अंश
संसद का नया भवन होना चाहिए, इसकी चर्चा सबने की, पर निर्णय नहीं होता था। ये आपका नेतृत्व है कि देश ने फैसला किया। उसी का परिणाम है कि आज देश को नया संसद भवन मिला है। नए भवन में एक विरासत का अंश, आजादी के पहले पल को जीवंत रखने के लिए सेंगोल को स्थापित करने का काम हुआ। हर साल इसे सेरिमोनियल इवेंट का हिस्सा बनाने का काम हुआ। आने वाली पीढ़ियों को हमेशा आजादी के पहले पल से जोड़कर रखेगा।
सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल गंवाए बिना सभी सांसदों ने माना
मैं सांसदों का भी धन्यवाद करता हूं, उस कालखंड में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल गंवाए बिना सभी सांसदों ने माना।
इतना ही नहीं एक देशवासियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए अपने आचरण से समाज को एक विश्वास देने के लिए सांसदों ने अपनी सैलरी में 30 फीसदी की कटौती का निर्णय खुद किया। देश को भी विश्वास हुआ कि ये सबसे पहले छोड़ने वाले लोग हैं। हम सांसद मीडिया में कभी ना कभी गाली खाते थे। इतनी सैलरी मिलती है, कैंटीन में इतने कम में खाते हैं। समान रेट होंगे कैंटीन में, इसका किसी सांसद ने विरोध नहीं किया।
05:05 PM10 फ़रवरी 2024
5 साल में इस सदी का सबसे बड़ा संकट
5 साल में इस सदी का सबसे बड़ा संकट पूरी मानव जाति ने झेला। कौन बचेगा, कौन बच पाएगा, कोई किसी को बचा सकता है कि नहीं, वो ऐसी अवस्था थी। ऐसे में सदन में आना भी संकट काल था। जो भी व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने उसको किया। देश के काम को रुकने नहीं दिया। सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश के आवश्यक कामों को जो गति देनी चाहिए, वो गति भी बनी रहे, सदन की भूमिका भी कम ना हो। इसको आपने बड़ी कुशलता के साथ संभाला।
लोकसभा अध्यक्ष की प्रशंसा की, सुमित्रा महाजन को याद किया
आदरणीय अध्यक्षजी, मैं आपके प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं। पांचों वर्ष कभी-कभी सुमित्राजी मुक्त हास्य करती थीं। आप हर पल आपका चेहरा मुस्कान से भरा रहता है। कुछ भी हो जाए, कभी भी उस मुस्कान में कोई कमी नहीं आई।
आपने संतुलित और निश्चिंत भाव से सदन का नेतृत्व किया। मैं इसके लिए भी आपकी प्रशंसा करता हूं। आक्रोश के पल भी आए, लेकिन आपने पूरे धैर्य के साथ स्थितियों को काबू में रखा। इसके लिए भी मैं आपका आभारी हूं।
5 साल देश में रीफार्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म से जुड़े हैं
ये 5 साल देश में रीफार्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म से जुड़े हैं। ये रेयर होता है। ये अपने आप में 17वीं लोकसभा से आज देश अनुभव कर रहा है। सदन का महत्वपूर्ण रोल रहा है। ये समय है कि मैं सभी माननीय सांसदों का नेता होने के नाते और साथी होने के नाते अभिनंदन करता हूं।
आज का यह दिवस लोकतंत्र की महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है
आज का यह दिवस लोकतंत्र की महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। हमने अनेक निर्णय लिए, अनेक चुनौतियों को अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। ये दिवस हम सबकी 5 साल की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का, देश को फिर से एक बार संकल्प को राष्ट्र समर्पित करने का दिवस है।
2024 में मोदीजी के नेतृत्व में सरकार बनेगी
2024 में मोदीजी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। ये शुभ शुरुआत हुई है और हम इसे गंतव्य तक पहुंचाएंगे।
लोगों ने अयोध्या एयरपोर्ट को राम के नाम पर रखने को बोला, मोदी जी ने वाल्मीकि नाम रखा
अयोध्या बन रही थी तो ढेरों लोगों ने कहा था कि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट को श्रीराम नाम दें, मोदीजी ने वाल्मीकि नाम रखा।
मंदिर निर्माताओं ने देश के हर हिस्से को स्थान देने का काम किया। हर प्रदेश और आसपास के देशों से रामकाज के लिए कुछ ना कुछ समर्पित हुआ है। मंदिर सामाजिक एकता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अद्भुत उदाहरण है।
चीन ने फिर मुंह दिखाना शुरू किया, हमने एक इंच जमीन नहीं दी
62 की तरह चीन ने फिर मुंह दिखाना शुरू किया, हमने एक इंच जमीन नहीं दी। सर्जिकल स्ट्राइक से घर में घुसकर मारने का साहस भी दिखाया। बच्चे सुसाइड कर रहे थे, तब परीक्षा पर चर्चा कर सुधार की पहल की।
बहुत लंबे समय से ऐसे नेतृत्व की जरूरत थी, 70-70 साल तक ऐसे नेतृत्व में भटकता रहा। जनता ने सर्वगुण संपन्न नेता को चुन इस इंतजार को खत्म किया। राम मंदिर में राम लला की बाल प्रतिमा मनोहरी दृश्य है।
दीया जलाना, थाली बजाना... इस पर हंसने वाले गायब हो गए
जो गड्ढा ये खोदकर गए थे, उसे भरकर इमारत बनाना, ये राम मंदिर की यात्रा से कम नहीं हैं। जो आर्थिक बदहाली थी,उससे उबारकर 5वें नंबर पर ले गए। नीति बनाने वाला नेता कैसा होता है, उसका उदाहरण है। कोविड आया तो भयभीत नहीं हुए, जानते थे सरकार की मशीनरी कम पड़ेगी, जनता को भी लड़ना होगा। हर मोर्चे पर काम जारी था, गरीब के घर में अनाज पहुंचाया, कोविड मरीजों की सेवा करने वालों का हौसला बढ़ाने का काम जारी रहा। दीया जलाना, थाली बजाना... इस पर हंसने वाले गायब हो गए। मोदीजी के नेतृत्व का दुनिया में डंका बजा।
विरोध करने वाले समय को पहचाने, इसी में देश की भलाई
विरोध करने वालों से निवेदन है, समय को पहचानों और आगे देखकर चलना शुरू करो। इसी में देश का भला है। मोदीजी संन्यासी नहीं है, किसी धर्म के उपदेशक नहीं है, ऐसा अध्यात्मिक चेतना फैलाता है, ऐसी मिसाल शायद ही कहीं हो।
मोदीजी मेरे नेता है, पार्टी के नेता हैं, मेरी पार्टी के प्रमुख नेता है। उन्होंने एक ऐसा नेतृत्व दिया, जिसने नेतृत्व के गुणों का परिचय दिया। अच्छे समय में किस तरह संयम रखना चाहिए, निर्भयता, संवेदनाशीलता, जनता के लिए नेतृत्व कैसा होता है, इसका उदाहरण दिया।