इस्राइल और लेबनान की सशस्त्र मिलिशिया हिजबुल्ला के बीच बुधवार से संघर्ष विराम लागू हो गया। दोनों पक्षों ने अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता वाला प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। पश्चिम एशिया में पिछले एक साल से चल रहे दो युद्धों के बीच कूटनीति की यह दुर्लभ जीत है। इस युद्धविराम को लागू करने की जिम्मेदारी लेबनान की सेना को दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि इस्राइल की बमबारी से बुरी तरह तबाह देश के दक्षिणी इलाकों, पूर्वी शहरों और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्ला के गढ़ों में सैन्य तैनाती बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
सेना ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वह सीमावर्ती इलाकों से इस्राइली सेना की वापसी तक अपने घरों में लौटने की हड़बड़ी न दिखाएं। सीमाई क्षेत्रों में हिजबुल्ला पर हमले के लिए इस्राइल की सेना करीब 6 किलोमीटर अंदर तक घुस आई थी। इस बीच इस्राइल ने कहा कि उसने हिजबुल्ला के लोगों को सीमा के पास लौटते देखा है और उन्हें ज्यादा करीब आने से रोकने के लिए गोलियां चलाईं। हालांकि इसके कारण संघर्ष विराम के फैसले पर किसी तरह का असर होने की आशंका नहीं है। पिछले साल से गाजा में चल रहे संघर्ष के कारण इस्राइल-लेबनान सीमा पर शुरू हुई इस लड़ाई में अबतक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और ऐसे में यह समझौता राष्ट्रपति बाइडन के आखिरी दिनों में अमेरिका की बड़ी उपलब्धि मानी जा रहा है।
गद्दों और सूटकेसों से लदी कारें लौटने लगीं दक्षिणी शहरों की ओर
इस्राइल-हिजबुल्ला संघर्ष विराम की घोषणा के तत्काल बाद ही गद्दे, सूटकेस और यहां तक कि फर्नीचरों से भरी कारें और वैन दक्षिणी बंदरगाह शहर टायर से होकर दक्षिण की ओर लौटने लगी हैं। टायर शहर पर युद्धविराम से पहले अंतिम दिनों में इस्राइल ने भारी बमबारी की थी। पिछले दो महीनों में लड़ाई बढ़ गई थी, जिससे हजारों लेबनानी अपने घरों से निकल कर उत्तर की ओर जाने को मजबूर हो गए थे। कुछ कारों में राष्ट्रीय झंडे लहरा रहे थे तो कुछ के ड्राइवर खुशी से हॉर्न बजा रहे थे। एक महिला ने अपनी उंगलियों से विजय चिन्ह बनाकर दिखाया।
इस्राइल ने कहा कि उसका सैन्य उद्देश्य अपने लगभग 60 हजार नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना हैं जो हिजबुल्ला के रॉकेट हमलों के बाद उत्तरी सीमा पर स्थित अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। चार बच्चों के पिता होशाम एरॉट ने कहा कि वह दक्षिणी सीमा पर बने अपने गांव के पैतृक निवास में लौटने के लिए छटपटा रहे हैं। हालांकि इस्राइली अभी पूरी तरह नहीं लौटे हैं।
उम्मीद करते हैं गाजा में भी होगा समझौता : हमास
वहीं, हमास के अधिकारी सामी अबु जूहरी ने इस समझौते पर कहा, हमारा समूह समझौते पर पहुंचने के लेबनान के अधिकार को मानता है जिससे उसके नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। हम गाजा युद्ध खत्म होने के लिए भी ऐसे समझौते की उम्मीद कर रहे हैं।
प्रतिबद्धता दिखाए इस्राइल : लेबनान
समझौते की घोषणा के तत्काल बाद लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इस्राइल से अपील की कि वह समझौते को लेकर पूरी प्रतिबद्धता दिखाए और लेबनान में जिन इलाकों पर कब्जा कर रखा है वहां से पीछे हटे। मिकाती ने कहा, यह समझौता सचमुच शांति प्रक्रिया की बड़ी जीत है और इस पर लगातार आगे बढ़ना होगा।