चंडीगढ़, 12 मार्च: अमेरिका द्वारा पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) लागू किए जाने के कारण भारतीय बाजारों में सस्ते अमेरिकी सेबों के आयात से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
कश्मीर वैली फ्रूट ग्रोअर्स यूनियन (के.वी.एफ.जी.यू.) ने चेतावनी दी है कि कम कीमत वाले आयातित सेबों के कारण बाजार में कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे सेब की खेती पर निर्भर 7 लाख से अधिक परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ सकती है।
स्पीकर संधवां ने सरकार से किसानों के हितों की रक्षा की अपील की
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने भारत सरकार से इस स्थिति पर त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने संरक्षणात्मक प्रतिकारी शुल्क (प्रोटेक्टिव काउंटर टैरिफ) लगाने की जरूरत बताई, ताकि भारतीय किसानों के लिए समान व्यापारिक अवसर सुनिश्चित हो सके।
संधवां ने सुझाव दिया कि किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता योजनाएं लागू की जाएं, जिससे उनकी आय का नुकसान रोका जा सके और उत्पादन निरंतर जारी रह सके।
किसान-हितैषी व्यापार समझौतों की जरूरत
उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में भारतीय किसानों के हितों की रक्षा करने वाले समझौते करने पर जोर दिया। इसके अलावा, कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, भंडारण सुविधाओं के आधुनिकीकरण और सुचारू परिवहन एवं बाजार पहुंच को बेहतर बनाने की आवश्यकता बताई।
"किसानों की मेहनत का सम्मान जरूरी"
संधवां ने कहा,
"भारतीय किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत से देश का पोषण होता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों के कारण उनके हितों को नुकसान नहीं होने देना चाहिए।"
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया तो देश की कृषि विरासत और किसानों की आजीविका दोनों पर खतरा मंडरा सकता है।
सस्ते आयात से छोटे किसानों पर खतरा
उन्होंने कहा कि विदेशी उत्पादों का सस्ता आयात कुछ व्यापारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इससे छोटे और सीमांत किसानों का जीवन संकट में आ सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लाभ आधारित नीतियों के कारण उन किसानों को कुचलने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो पूरे देश का पेट भरते हैं।
"यह सिर्फ सेब उत्पादकों की नहीं, हर किसान की लड़ाई है"
संधवां ने कहा कि यह सिर्फ सेब उत्पादकों की समस्या नहीं, बल्कि हर भारतीय किसान की लड़ाई है। उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य, निष्पक्ष बाजार और समान व्यापारिक अवसर दिए जाएं।
"मैं अपने किसानों के साथ खड़ा हूं और सरकार से अपील करता हूं कि वह बिना किसी देरी के किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे," – कुलतार सिंह संधवां