चंडीगढ़, 17 मार्च: पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक अर्ध-सरकारी पत्र लिखकर नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT), नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित "पंजाबी प्राइमर" (पंजाबी काईदा) में गंभीर त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
पाठ्यपुस्तक में प्रमुख गलतियां
📌 पंजाबी वर्णमाला का गलत क्रम – पुस्तक में ਵੰਞਮਾਲਾ (वर्णमाला) को "ਓ" (ओ) से शुरू करने के बजाय "ਅ" (अ) से शुरू किया गया है, जो गलत है।
📌 स्पेलिंग और तथ्यात्मक त्रुटियां – यह पुस्तक बालवाटिका/आंगनवाड़ी स्तर के बच्चों और वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों के लिए बनाई गई है, लेकिन इसमें कई वर्तनी और तथ्यात्मक गलतियां हैं।
📌 भ्रम की स्थिति – ऐसी गलतियां छोटे बच्चों और वयस्क साक्षरता कार्यक्रम के शिक्षार्थियों के लिए भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित होगी।
शुद्धता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करने की मांग
🔹 स्पीकर संधवां ने NCERT से इस पुस्तक की समीक्षा और आवश्यक सुधार करने के लिए योग्य विशेषज्ञों और विद्वानों की एक समिति गठित करने की मांग की है।
🔹 उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियों को रोकने के लिए एक सख्त संपादकीय और गुणवत्ता-जांच प्रक्रिया स्थापित की जाए।
त्रुटि-मुक्त अध्ययन सामग्री की आवश्यकता
✅ स्पीकर संधवां ने जोर देते हुए कहा कि बुनियादी शिक्षा और साक्षरता कार्यक्रमों की सफलता के लिए पाठ्यपुस्तकों में शुद्धता अत्यंत आवश्यक है।
✅ उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करने और पाठ्यपुस्तक की त्रुटियों को शीघ्र सुधारने का आग्रह किया।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर की यह पहल छात्रों को सही व प्रमाणिक अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भविष्य में भाषायी और शैक्षिक गलतियों को रोकने में मदद मिलेगी।