वॉशिंगटन/बीजिंग: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि अगर चीन ने अगले 24 घंटे में व्यापारिक फैसलों में बदलाव नहीं किया, तो अमेरिका उसकी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक नया टैरिफ लगा सकता है।
चुनावी बयान या नई रणनीति?
ट्रंप के इस बयान को लेकर विशेषज्ञों में दो राय हैं। कुछ का मानना है कि यह सिर्फ चुनावी माहौल को गर्माने वाला बयान है, जबकि कई इसे संभावित नई आर्थिक रणनीति का संकेत मान रहे हैं। ट्रंप ने कहा, "चीन ने हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचाया है। अब समय आ गया है कि हम उसे उसी की भाषा में जवाब दें।"
ट्रेड वॉर की वापसी का खतरा
यदि ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं और अपने इस वादे को अमल में लाते हैं, तो अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर एक बार फिर तेज हो सकता है। इससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला में बाधा और महंगाई में इजाफा जैसे प्रभाव सामने आ सकते हैं।
चीन की प्रतिक्रिया सधी हुई
चीन की ओर से इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया फिलहाल सीमित रही है। बीजिंग ने केवल इतना कहा कि वे “स्थिर और संतुलित वैश्विक व्यापार” के पक्षधर हैं और किसी भी प्रकार के एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल
ट्रंप के बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई। निवेशकों को डर है कि यदि अमेरिका-चीन के बीच फिर से तनाव बढ़ा तो इसका असर तेल, टेक्नोलॉजी और ऑटो सेक्टर पर खासतौर से पड़ेगा।