अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में फिर से प्रत्याशी बने डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए एक बार फिर ट्रेड वॉर की वापसी के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने घोषणा की है कि यदि वे सत्ता में लौटते हैं, तो चीन से आयातित वस्तुओं पर अधिकतम 104% तक टैरिफ (शुल्क) लगाया जाएगा।
ट्रंप की नई रणनीति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हालिया भाषणों में चीन पर लगातार आर्थिक दुर्व्यवहार, अमेरिकी कंपनियों की नकल और असमान व्यापार नीति अपनाने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चीनी कंपनियां अमेरिका के उद्योगों को नुकसान पहुँचा रही हैं और इसके जवाब में कड़े आयात शुल्क ज़रूरी हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि “अमेरिका अब और घाटा नहीं सहेगा।”
टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की योजना
अगर ट्रंप की योजना लागू होती है, तो चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, वस्त्र, खिलौने, गाड़ियाँ और कई उपभोक्ता उत्पादों पर 60% से लेकर 104% तक का आयात शुल्क लगाया जा सकता है। इससे अमेरिकी बाजार में चीनी वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है।
चीन की प्रतिक्रिया और वैश्विक चिंता
ट्रंप के इस ऐलान पर चीन की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आना तय है। बीजिंग पहले ही अमेरिका पर “आर्थिक दबाव बनाने और वैश्विक व्यापार संतुलन बिगाड़ने” का आरोप लगाता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह नीति लागू होती है तो वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है और कई देशों की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी उद्योग जगत की दोहरी राय
जहां कुछ अमेरिकी उद्योगपति ट्रंप की ‘मेक इन अमेरिका’ नीति को समर्थन दे रहे हैं, वहीं कई बड़े व्यवसायी और खुदरा विक्रेता इस फैसले से चिंतित हैं। उनका मानना है कि अधिक टैरिफ से वस्तुओं की लागत बढ़ेगी और इसका बोझ सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।