अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर में वक्फ संपत्तियों की रक्षा और अवैध कब्जों के विरुद्ध जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की है। यह आंदोलन 11 अप्रैल से प्रारंभ होकर देश के 50 से अधिक शहरों में चरणबद्ध रूप से चलाया जाएगा। इसे "वक्फ बचाओ आंदोलन" नाम दिया गया है।
इस आंदोलन के तहत मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने "ब्लैक आउट और अवकाफ सप्ताह" मनाने का भी निर्णय लिया है। इस दौरान वक्फ संपत्तियों पर हो रहे कथित अतिक्रमण और हस्तक्षेप के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन, जनसभाएं और विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आयोजकों का कहना है कि यह अभियान पूरी तरह संवैधानिक और अहिंसात्मक होगा।
बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि देशभर में लाखों एकड़ वक्फ संपत्ति है, जो समाज की सामूहिक भलाई के लिए आरक्षित होती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इन संपत्तियों पर सरकारी दखल और निजी कब्जों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बोर्ड का आरोप है कि इन संपत्तियों को जानबूझकर कमजोर कानूनी ढांचे का फायदा उठाकर निशाना बनाया जा रहा है।
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा, "यह आंदोलन केवल मुसलमानों की बात नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक संपदा की रक्षा का सवाल है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वक्फ अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई हो।"
इस सप्ताह के दौरान सोशल मीडिया और मस्जिदों के माध्यम से समुदाय को जागरूक करने की योजना भी तैयार की गई है। काले झंडों, मौन मार्च और ज्ञापन सौंपने जैसे शांतिपूर्ण कदमों से आंदोलन को स्वर मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर यह आंदोलन संगठित रूप से चला, तो इसका प्रभाव नीति निर्माण स्तर पर भी देखा जा सकता है।