अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत को हिला देने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं तो चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक टैक्स लगा दिया जाएगा। वहीं, करीब 75 मित्र देशों को इस टैक्स नीति से राहत देने की भी बात कही गई है। ट्रंप के इस ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली और निवेशकों में उत्साह बढ़ गया।
ट्रंप का कहना है कि अमेरिका को अपने व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। उनका यह भी दावा है कि चीन की सस्ती और भारी मात्रा में आने वाली वस्तुएं अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं। ऐसे में उच्च शुल्क लगाकर चीन पर दबाव बनाना जरूरी है।
दूसरी ओर, ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के सहयोगी और रणनीतिक साझेदार देशों को इस नीति के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इस सूची में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय यूनियन के कई देश शामिल हो सकते हैं। इससे इन देशों के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। डॉव जोन्स और नैस्डैक दोनों में उछाल दर्ज किया गया। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी सकारात्मक संकेत मिले। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की संभावित वापसी और स्पष्ट व्यापार नीति को लेकर निवेशकों में विश्वास बढ़ा है।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इतनी ऊंची टैक्स दर से चीन के साथ व्यापार युद्ध और गहराने की आशंका है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ सकता है।