बिहार के नालंदा जिले में शुक्रवार रात आए भीषण आंधी-तूफान ने कहर बरपाया। इस प्राकृतिक आपदा में जिलेभर से कम से कम 22 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। मरने वालों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हैं, जो खेतों में काम कर रहे थे या कच्चे मकानों में रह रहे थे।
तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने घरों की छतें उड़ा दीं और कई पेड़ व बिजली के खंभे धराशायी हो गए। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, कई लोग मलबे के नीचे दब गए, जबकि कुछ की मौत बिजली गिरने से हुई। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुःख
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जाए और घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट सौंपी जाए, ताकि आवश्यक सहायता दी जा सके।
प्राकृतिक आपदा प्रबंधन बल की तैनाती
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि प्रभावित इलाकों में NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें मलबा हटाने, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और बिजली-पानी की व्यवस्था बहाल करने में लगी हुई हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश तथा तेज हवाओं की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड में है।
जनता में भय और प्रशासन की चुनौती
इस अप्रत्याशित आपदा ने राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें समय रहते चेतावनी नहीं मिली, जिससे जनहानि बढ़ी। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए तैयारियां और तेज़ की जाएंगी।