यूक्रेन संकट को लेकर चीन और यूक्रेन के बीच तीखे शब्दों की जंग देखने को मिल रही है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन पर परोक्ष रूप से आरोप लगाए कि वह रूस को समर्थन देकर युद्ध को खींचने में भूमिका निभा रहा है। इस बयान पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति को "गैर-जिम्मेदाराना" टिप्पणी से बचने की सलाह दी है।
क्या कहा चीन ने?
बीजिंग स्थित चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में कहा कि, "यूक्रेन संकट का निर्माता चीन नहीं है, और न ही हम इसमें किसी एक पक्ष के साथ खड़े हैं।" प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि चीन ने हमेशा शांति और संवाद का समर्थन किया है और युद्ध समाप्ति के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए हैं। चीन ने जेलेंस्की के बयान को "तथ्यहीन" और "राजनयिक मूल्यों के खिलाफ" करार दिया।
जेलेंस्की के आरोप क्या थे?
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा था कि कुछ ताकतें, जिनमें चीन का भी नाम लिया गया, रूस की सैन्य गतिविधियों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन दे रही हैं, जिससे युद्ध लंबा खिंच रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन ने उन देशों के खिलाफ भी मोर्चा खोला है जो यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
चीन की भूमिका पर सवाल
यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों से ही चीन की भूमिका को लेकर पश्चिमी देशों में संदेह रहा है। हालांकि चीन ने रूस की सीधी आलोचना नहीं की, लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र में कई प्रस्तावों से दूर रहा है, जिससे उसकी "तटस्थता" पर प्रश्न उठते रहे हैं।
राजनयिक संतुलन की चुनौती
चीन, जो वैश्विक कूटनीति में खुद को "शांति दूत" की भूमिका में दिखाना चाहता है, इस समय दोहरी रणनीति पर चल रहा है। एक ओर वह रूस से घनिष्ठ संबंध बनाए रखना चाहता है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर अपनी छवि संतुलित बनाए रखने की भी कोशिश कर रहा है।