रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक राजनीति में चल रही खींचतान के बीच क्रेमलिन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर एक नया राजनीतिक संकेत दिया है। रूस के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप की विदेश नीति वर्तमान अमेरिकी नेतृत्व की तुलना में अधिक "व्यावहारिक, संतुलित और संवादोन्मुखी" थी।
रूसी बयान ने बढ़ाई राजनीतिक हलचल
रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कहा कि, "डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका और रूस के संबंधों को स्थिर रखने की कोशिश की। उनके पास युद्ध भड़काने के बजाय संवाद को प्राथमिकता देने की सोच थी।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन में रूसी हमलों में तेजी देखी जा रही है और अमेरिका लगातार यूक्रेन को सैन्य सहायता दे रहा है।
ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति बनी चर्चा का विषय
रूसी अधिकारियों के मुताबिक ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति ने अमेरिका को अनावश्यक संघर्षों से दूर रखा। उनका दावा है कि ट्रंप प्रशासन रूस से सीधे टकराव से बचता था और कूटनीतिक चैनलों के ज़रिये बातचीत को तरजीह देता था। वहीं वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की रणनीति को रूस "आक्रामक और युद्धोन्मुखी" मानता है।
क्या है इसके पीछे की रणनीति?
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस द्वारा ट्रंप की सराहना करना केवल एक साधारण बयान नहीं, बल्कि अमेरिकी राजनीति में प्रभाव डालने की रणनीति भी हो सकती है। 2024 के अमेरिकी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रूस की यह प्रतिक्रिया आने वाले समय में ट्रंप समर्थकों को मजबूत करने की एक कोशिश भी मानी जा रही है।
यूक्रेन में जारी है संघर्ष
इस बीच यूक्रेन के कई शहरों में रूस द्वारा किए गए ताजा मिसाइल हमलों से बड़ी तबाही हुई है। नागरिक ढांचे को नुकसान पहुंचा है और हजारों लोग विस्थापन का सामना कर रहे हैं। अमेरिका और नाटो लगातार यूक्रेन को सैन्य व आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं, जिससे रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।