चंडीगढ़/पटियाला, 16 अप्रैल:
पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में समाज के उपेक्षित और विशेष आवश्यकता वाले वर्गों के कल्याण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक अधिकारिता, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पटियाला जिले के सैफदीपुर गांव स्थित डेफ एंड ब्लाइंड स्कूल में सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ हैंडीकैप्ड के 58वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।
एनजीओ की भूमिका को बताया अहम
अपने संबोधन में डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि सरकार समाज के हर वर्ग को साथ लेकर राज्य को "रंगला पंजाब" बनाने की दिशा में कार्यरत है। लेकिन कहीं न कहीं जो अंतर या कमी रह जाती है, उसे एनजीओ जैसे संगठन भरते हैं। उन्होंने दिव्यांगजनों की शिक्षा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता में ऐसे संगठनों की भूमिका को सराहनीय बताया।
विद्यालय के विकास के लिए ₹5 लाख की सहायता
समारोह के दौरान मंत्री डॉ. कौर ने डेफ एंड ब्लाइंड स्कूल के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने हेतु ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के स्कूल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सोच, प्रतिभा और आवाज़ को उस स्तर तक पहुंचाते हैं, जो उनका अधिकार है।
हेलेन केलर का उदाहरण देते हुए शिक्षकों को दी सराहना
मंत्री ने विश्वविख्यात व्यक्तित्व हेलेन केलर का उदाहरण देते हुए कहा कि जो बच्चे देखने, सुनने या बोलने में असमर्थ हैं, वे किसी भी मायने में पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलने पर वे अपनी प्रतिभा से समाज को प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने इन स्कूलों के शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे ऐसे बच्चों की ज़िंदगी में आशा की किरण बनकर उभरते हैं।
नेत्रदान को बताया मानवता की सच्ची सेवा
डॉ. बलजीत कौर ने अपने चिकित्सा अनुभव साझा करते हुए लोगों से नेत्रदान की अपील की। उन्होंने कहा कि "हमें जीते जी यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपनी मृत्यु के उपरांत आँखें दान करें, जिससे किसी ज़रूरतमंद को रोशनी मिल सके।"
बच्चों की कला और आत्मविश्वास की तारीफ
कार्यक्रम के दौरान जब पटियाला स्कूल फॉर द डेफ, स्कूल फॉर द ब्लाइंड और स्कूल फॉर द डेफ-ब्लाइंड के छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, तो डॉ. कौर ने कहा कि ये बच्चे किसी भी दृष्टिकोण से कम नहीं हैं। उन्होंने बच्चों के आत्मविश्वास, कौशल और प्रस्तुति की खुलकर तारीफ़ की।
सोसाइटी के 58 वर्षों का समर्पण
सोसाइटी के सचिव कर्नल करमिंदर सिंह ने जानकारी दी कि संस्था विगत 58 वर्षों से दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है। वर्तमान में यहां पंजाब समेत 13 राज्यों के 450 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को सशक्त बनाना न केवल एक चुनौती है, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
सरकार के सहयोग का आश्वासन
मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को पंजाब सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा, "शारीरिक अक्षमता किसी इंसान की पहचान को सीमित नहीं करती, बल्कि मानसिक दृढ़ता ही सच्ची पूर्णता है। हमारी सरकार उन सभी संस्थाओं के साथ खड़ी है जो इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कार्यरत हैं।"
समारोह में कई गणमान्य मौजूद
इस अवसर पर एडीसी (ज) ईशा सिंगल, संस्था के कोषाध्यक्ष पवन गोयल, ब्रिगेडियर आर.एस. मान, जगजीत सरीन, रूप कंबोज, एस.के. कोछड़, बाबा गुरनाम सिंह, यूके से पधारे शिव दत्त, डेफ स्कूल की प्रिंसिपल रेनू सिंगला और ब्लाइंड स्कूल की प्रिंसिपल कविता सहित बड़ी संख्या में अभिभावक, शिक्षक एवं दिव्यांग विद्यार्थी मौजूद रहे।