रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत सामने आया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के शांति वार्ता शुरू करने की पेशकश की है। यह बयान ऐसे समय आया है जब जमीनी स्तर पर दोनों देशों के बीच हिंसा और तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और वैश्विक बिरादरी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में पहल की उम्मीद कर रही है।
पुतिन का शांति प्रस्ताव
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान के अनुसार, पुतिन ने कहा है कि रूस, बातचीत के लिए तैयार है और इसके लिए यूक्रेन को किसी तरह की पूर्व शर्त मानने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों को खुलकर वार्ता करनी चाहिए। पुतिन का यह रुख उनके अब तक के कठोर रुख से थोड़ा अलग देखा जा रहा है, जिससे यह संकेत मिल सकता है कि रूस अब सैन्य टकराव से हटकर कूटनीतिक समाधान की ओर बढ़ना चाहता है।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
हालांकि, यूक्रेन की ओर से अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कीव की नीति अब तक यह रही है कि जब तक रूस अपने कब्जाए गए क्षेत्रों से पीछे नहीं हटता, तब तक वार्ता संभव नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की पहले भी कह चुके हैं कि शांति की कोई भी कोशिश तब तक सार्थक नहीं हो सकती जब तक यूक्रेन की क्षेत्रीय संप्रभुता को पूरी तरह बहाल नहीं किया जाता।
वैश्विक प्रतिक्रिया और संभावनाएं
अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन इस पहल को संभावित शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, लेकिन साथ ही यह भी दोहरा रहे हैं कि वार्ता तभी सफल होगी जब दोनों पक्ष समान स्तर पर बातचीत के लिए तैयार हों। विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रस्ताव के पीछे रूस की रणनीतिक थकान और आर्थिक दबाव की भी भूमिका हो सकती है।
अब दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यूक्रेन इस बिना शर्त वार्ता के प्रस्ताव को स्वीकार करेगा, या यह भी बीते प्रयासों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।