नई दिल्ली/11 मई 2025 – भारत सरकार ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता को साफ़ तौर पर खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ताजा बयान में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि "अब सिर्फ बात होगी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी पर, अन्य किसी मुद्दे पर नहीं।"
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान समर्थित समूहों द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की मांग फिर से उठाई जा रही थी। हालांकि भारत का रुख स्पष्ट और सख्त रहा है—कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और किसी भी प्रकार की बाहरी मध्यस्थता को भारत सिरे से नकारता है।
"गोली चलेगी तो गोला चलेगा" – मोदी का स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री ने एक जनसभा में बोलते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान की तरफ़ से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा।” उनका यह बयान सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल ही में हुई घुसपैठ की कोशिशों और सीज़फायर उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में आया है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि आतंक के साथ कोई वार्ता नहीं हो सकती।
प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान जब तक अपनी ज़मीन से आतंकवादियों को समर्थन देना बंद नहीं करता और जब तक वह PoK को भारत को सौंपने की दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाता, तब तक किसी प्रकार की बातचीत की संभावना नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर जारी, आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस बीच भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से चलाए जा रहे आतंक-निरोधक अभियान में बड़ी सफलता मिलने की खबर है। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में जारी इस ऑपरेशन के तहत अब तक दर्जनों आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमापार से आ रहे आतंकियों की घुसपैठ को रोकना और स्थानीय स्तर पर सक्रिय आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है।
भारतीय सुरक्षा बलों ने स्पष्ट किया है कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं होता, तब तक ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा। इसे पाकिस्तान की ओर से छद्म युद्ध का जवाब माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख स्पष्ट
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भारत ने दो टूक कहा है कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। भारत किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र हो, अमेरिका हो या कोई अन्य देश।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी साफ कहा है कि "भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी संवाद केवल द्विपक्षीय होगा, वो भी तब जब पाकिस्तान अपनी आतंक परस्ती की नीति से पीछे हटेगा।"
PoK की वापसी ही एकमात्र मुद्दा
भारत अब पाकिस्तान से सिर्फ एक ही विषय पर बात करेगा—पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की वापसी। भारतीय संसद पहले ही सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें Gilgit-Baltistan और PoK भी शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह नीति केवल कूटनीतिक रूप से ही नहीं, बल्कि सैन्य और रणनीतिक स्तर पर भी सशक्त है।