दिल्लीवासियों को एक बार फिर महंगाई का तगड़ा झटका लगा है। इस बार असर सीधे बिजली के बिलों पर पड़ा है। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) ने नई दरों की घोषणा की है, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। बिजली दरों में यह संशोधन 10 मई से लागू कर दिया गया है।
कितना बढ़ा है बिजली का खर्च?
नई दरों के तहत अब बिजली पर फिक्स्ड चार्ज और पेंशन सरचार्ज में बढ़ोतरी की गई है। 2 किलोवाट से अधिक लोड वाले घरेलू उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। औसतन, मासिक बिजली बिल में ₹75 से ₹250 तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। व्यवसायिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर इसका असर और अधिक दिखाई देगा।
दिल्ली सरकार की सब्सिडी योजना पर नजर
हालांकि दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी योजना अब भी जारी है, लेकिन सब्सिडी का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जिन्होंने योजना के तहत पंजीकरण कराया है। सरकार द्वारा सब्सिडी के बाद बिल कम जरूर होगा, लेकिन बढ़े हुए चार्ज का कुछ हिस्सा उपभोक्ताओं को खुद चुकाना होगा।
विपक्ष का विरोध, जनता में नाराज़गी
बिजली दरों में अचानक की गई इस बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। उनका कहना है कि दिल्ली में पहले से ही महंगाई चरम पर है, ऐसे में बिजली की दरों में इजाफा आम आदमी पर दोहरी मार जैसा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
बिजली कंपनियों की दलील
उधर, बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि बढ़ती उत्पादन लागत, पेंशन देनदारियां और मेंटेनेंस खर्च के चलते दरों में संशोधन जरूरी था। उनका यह भी तर्क है कि बिजली वितरण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आर्थिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
अब देखना होगा कि बढ़ी हुई दरों के बीच दिल्ली सरकार उपभोक्ताओं को क्या राहत देती है, या आने वाले समय में और भी महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है।