2025 के जून में हेग (The Hague), नीदरलैंड्स में आयोजित NATO शिखर सम्मेलन में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया: सदस्य देशों को अपनी वार्षिक रक्षा एवं सुरक्षा‑सम्बंधित खर्च को अब GDP के 5% तक बढ़ाने का लक्ष्य देना। इस नई प्रतिबद्धता के मुताबिक 3.5% सीधे सैन्य तैयारियों व संचालन पर खर्च किया जाएगा, जबकि बाकी 1.5% रक्षा‑सम्बंधित आधारभूत संरचना, साइबर सुरक्षा तथा लॉजिस्टिक के लिए रखा जाएगा
► यह निर्णय क्यों अहम?
यह कदम प्रमुख रूप से यूरोप में सुरक्षा पर बढ़ते खतरे और अमेरिका द्वारा NATO पर लगाए गए बढ़ते दबाव का परिणाम है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार यूरोपीय सहयोगियों को “कमज़ोर लिंक” मानकर बेहतर योगदान देने के लिए कहते रहे । NATO के महासचिव मार्क रुटे ने इसे “रूपांतरकारी छलांग” बताया, उनका कहना था कि यह यूरोप को “युद्धकालीन मानसिकता अपनाने और रक्षा उत्पादन को तेज करने” का निर्देश देती है ।
► समयसीमा और समीक्षा
सदस्य देशों को यह लक्ष्य 2035 तक पूरा करना है। पहल मध्य‑2026 तक विस्तार योजनाएँ सौंपे जाने की शर्त पर है, और इसका औपचारिक “प्रगति समीक्षा” 2029 में की जाएगी ।
► सदस्य देशों की प्रतिक्रियाएं
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पूर्वीय यूरोप: पोलैंड, एस्टोनिया, लिथुआनिया जैसे राष्ट्र पहले से ही इस लक्ष्य के करीब हैं—पोलैंड प्रतिशत से ज़्यादा (4–4.7%), और एस्टोनिया ने 2026 में 5.4% का लक्ष्य रखा है ।
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जर्मनी ने रुटे की पहल का समर्थन करते हुए इसे रक्षा और Article 5 की सुरक्षा सुनिश्चितता का हिस्सा बताया ।
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देरी और असहमति: स्पेन, इटली, बेल्जियम जैसे देश सकुचाए; स्पेन ने स्पष्ट किया कि वह केवल 2.1% ही खर्च कर सकेगा और इसे असंभव से अधिक “राष्ट्र कल्याण” के साथ संतुलन का मामला बताया । इटली और बेल्जियम में सार्वजनिक खर्च की प्राथमिकताएं रक्षा से अधिक हैं, इसलिए इनमें भी विरोध रहा ।
► रणनीतिक रूप से क्या बदल सकता है?
इस उच्च बजट लक्ष्य से यूरोपीय सुरक्षा‑रक्षा प्रतिष्ठान में तीन प्रमुख परिवर्तन हो सकते हैं:
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क्षमता निर्माण तेज़ होगा: जैसे हवाई रक्षा प्रणालियाँ, लॉजिस्टिक्स सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के साधन।
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डिफेंस उद्योग को समर्थन: Readiness 2030 जैसी EU पहल (€800 अरब तक निवेश प्रस्तावित) इससे संयुक्त हो सकती हैं ।
- अमेरिका की निर्भरता कम होगी: यदि यूरोप अपना ढांचा खुद मजबूत करता है तो भविष्य में अमेरिका की भूमिका आश्रित नहीं रहेगी
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NATO शिखर सम्मेलन में GDP के 5% तक रक्षा खर्च का निर्णय केवल मात्र वित्तीय लक्ष्य नहीं है; यह यूरोपीय सामूहिक सुरक्षा के प्रति दृढ़ signal है। इसमें अमेरिका के दबाव, रूस की आक्रामकता, और वैश्विक तनावों को ध्यान में रखा गया है। हालांकि, स्पेन, इटली जैसे देशों की आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियाँ इस लक्ष्य को पूरा करने में समय और सौदेबाज़ी और बनाए रखती हैं। फिर भी, यदि सदस्य देश इसे योजनाबद्ध तरीके से अपनाते हैं, तो यूरोप को एक आत्म‑निर्भर सुरक्षा मॉडल के निर्माण में मदद मिलेगी।