🚀 लॉन्च का समय और स्थान
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लॉन्च दिनांक: बुधवार, 25 जून 2025
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समय: दोपहर 12:01 बजे IST (2:31 a.m. EDT)
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रॉकेट: SpaceX Falcon 9
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उड़ान स्थल: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (Launch Complex 39A)
दल और मिशन की रूपरेखा
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मिशन पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (ISRO / भारतीय वायुसेना), वो ISS तक पहुँचाने वाले पहले ISRO astronaute हैं और दूसरा भारतीय अंतरिक्ष यात्री (राकेश शर्मा–1984 के बाद)
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कमांडर: पेगी व्हिटसन (पूर्व NASA astronaut, अब Axiom Space में मानव उड़ान के निर्देशक)
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दूसरे मिशन विशेषज्ञ: पोलैंड से Sławosz Uznański-Wiśniewski, हंगरी से Tibor Kapu
यात्रा कार्यक्रम और वैज्ञानिक लक्ष्य
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डॉकिंग: मिशन लगभग 29 घंटे में ISS से जुड़ जाएगा—इसे 26 जून शाम 4:30 बजे IST अनुमानित किया गया हैअवधि: लगभग 14 दिन
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गतिविधियाँ: 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग, जिसमें भारत के 7 प्रयोग शामिल हैं—जैव अनुसंधान, माइक्रोग्रेविटी में कोशिकाएँ, तकनीकी विकास, शैक्षिक प्रोग्राम और वाणिज्यिक गतिविधियां
देरी और तैयारी
मिशन को तकनीकी, मौसम और उपकरण तैयारियों के कारण छह बार तक टाला गया, जिनमें लिक्विड ऑक्सिजन लीक और ISS मॉड्यूल में रिसाव शामिल हैं ।
हालांकि, अब सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल पूरे कर लिए गए हैं, और मौसम अपेक्षाकृत अनुकूल बताया गया है (लगभग 90% अनुकूल) ।
भारत के लिए महत्व
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ऐतिहासिक क्षण: शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे और ISRO के पहले astronaut हैं जो ISS तक पहुंचेंगे ।
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वैज्ञानिक क्षमताएं: इस मिशन से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की तकनीकी बनावट मजबूत होगी तथा Gaganyaan मिशन (2027) और चंद्र अन्वेषण योजनाओं के लिए बुनियाद तैयार होगी ।
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वैश्विक सहयोग: NASA, ISRO, Axiom Space, SpaceX, ESA, पोलैंड व हंगरी के संयुक्त प्रयासों का प्रतीक बनी यह उड़ान सफल low-earth orbit अर्थव्यवस्था के विकास का हिस्सा है।
🔍 संक्षिप्त विवरण
विशेषता |
जानकारी |
🚀 लॉन्च |
25 जून 2025, 12:01 IST, Falcon 9 से फ्लाइट |
👨🚀 गगनयात्री |
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (ISRO / IAF) |
लाइफ साइंस |
14 दिन, 60+ एक्सपेरिमेंट्स (7 भारतीय प्रयोग) |
🌐 सहयोग |
NASA, ISRO, ESA, Axiom Space – अंतरराष्ट्रीय साझेदारी |
📚 आगे की राह |
भारत की Gaganyaan/चंद्र योजनाओं को तकनीकी बल |
ये उड़ान सिर्फ एक व्यक्ति की यात्रा नहीं है—यह 1.4 अरब भारतीयों के सपनों और अंतरिक्ष अन्वेषण की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं की उड़ान है। शुभकामनाएं शुभांशु शुक्ला और पूरे Axiom-4 मिशन को!