ईरान के निशाने पर अमेरिकी हमलों ने अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में भू‑राजनीतिक हलचल मचा दी है, लेकिन इस बीच रूस ने बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि फिलहाल व्लादिमीर पुतीन का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीधे संवाद करने का कोई इरादा नहीं है।
❗️ कूटनीतिक दूरी की स्पष्ट नीति
क्रेमलिन ने 22 जून को स्पष्ट किया कि पुतीन इस समय ट्रंप से बात करने की योजना में नहीं हैं। हालांकि, आधिकारिक प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह भी जोड़ा कि “जरूरत के समय” दो नेताओं की बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया गया है । यह रवैया संकेत देता है कि रूस फिलहाल रूख संभाला रखने की रणनीति अपना रहा है, जबकि एक आवश्यक मोड़ पर संपर्क सँभालने का विकल्प भी खुले हाथ में रखा गया है।
🛡️ रूस ने अमेरिकी हमलों को बताया 'गैर-जिम्मेदाराना'
रूस का रुख स्पष्ट रहा कि इज़रायल के साथ मिलकर अमेरिकी हमलों को वह “अतिआक्रामक” और “अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन” बताते हैं । इसके साथ ही, मानव जीवन तथा क्षेत्रीय स्थिरता के नाम पर रूस ने संयुक्त राष्ट्र स्तर पर भी ऐसे कदमों के खिलाफ आवाज उठाई ।
🤝 मध्यस्थता की पेशकश — लेकिन शर्तों के साथ
सितंबर में दोनों राष्ट्रों के बीच पहले भी संवाद हुआ था, जिसमें रूस ने ट्रंप से ईरानी परमाणु वार्ता में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी; लेकिन हालिया तनावों के बाद इस संभावना पर फिलहाल विराम लगा हुआ है । यह स्पष्ट है कि रूस अभी कूटनीतिक चौkning बनाए रखना चाहता है, लेकिन सीधी वार्ता में कोई प्राथमिकता नहीं देख रहा।
🌍 विश्व युद्ध की आशंका और वैश्विक गंभीरता
तुर्की में आयोजित आर्थिक मंच में पुतीन ने कहा कि मध्य पूर्व, यूक्रेन और ईरान के आसपास बिगड़ती परिस्थितियाँ दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर ला सकती हैं । रूस की चिंता स्पष्ट रूप से बनी हुई है: कोई अप्रभेद्य 'न्यूनतम संवाद भी खत्म' करके पूरे अंतर्राष्ट्रीय ढांचे को खतरनाक स्थिति में धकेला जा रहा है।
✉️ सड़क-मैप क्या हो सकता है?
– वर्तमान चुनौती: अमेरिका–ईरान में फैलती लड़ाई और रूस का कूटनीतिक उदासीन रुख।
– मध्य बिंदु: रूस ट्रंप से किसी बातचीत पर हां कह सकता है, मगर इसकी नीति में समायोजन तभी होगा जब स्थिति ‘तुलनात्मक रूप से’ चिंताजनक हो।
चार-तरफा कूटनीतिक संयोजन बचाव-प्रवृत्ति को रोक सकता है; लेकिन फिलहाल इसकी गुंजाइश सीमित है।