भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पंजाब में नियत अवधि से लगभग 10 दिन पहले दस्तक दी है। आम तौर पर यहाँ मानसून 1-2 जुलाई के आसपास पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 13–14 जून को ही रिकॉर्ड किया गया। इसका सबसे पहला संकेत हिमाचल प्रदेश के पाथानकोट से होकर पहुंचना था, जहां से यह पंजाब में तेजी से फैल गया ।
जून की शुरुआत में प्रदेश में सामान्य से 11% कम बारिश रिकार्ड हुई थी। फिर भी, मानसून के आगमन के साथ ही अमृतसर, लुधियाना और पठानकोट जैसे जिलों में 30–50 mm तक बारिश हुई है, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली है । आईएमडी ने बताया कि इस पहले के मानसून के साथ न केवल पंजाब बल्कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में भी कई जगहों पर बारिश जोर पकड़ रही है ।
हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन मानसून धाराएं उत्तर पश्चिम भारत में मजबूत रहेंगी। 22 जून से 26 जून तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ सहित आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है
उधर, पूर्वोत्तर भारत में मानसून की दूसरी लहर ने अग्रिम झोंके दिए हैं। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा समेत सभी सात राज्यों में अगले तीन दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान यहाँ ‘भारी से अति-भारी’ वर्षा की संभावना जताई गई है । विशेषकर 22–23 जून को असम, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश में शिखर होने की आशंका जताई गई है ।
11–16 जून के बीच पहले भी पूर्वोत्तर में हल्की से मध्यम बारिश देखी गई थी, लेकिन मौजूदा प्रांगण में यह गति और तीव्रता दोनों में वृद्धि होगी वहीं, पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से असम और मेघालय में जून 18–19 को रेड अलर्ट, और 20 जून से इसका स्तर ऑरेंज किया गया था; भारी बारिश और संभावित बाढ़ एवं भूस्खलन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है
22 जून को IMD की प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 22–26 जून तक उत्तर-पश्चिम, मध्य और गुजरात के राज्यों में ‘भारी से बहुत भारी’ बारिश की संभावना है। उसी समय पूर्वोत्तर में मौजूदा तीन दिनों तक भारी बारिश जारी रह सकती है और इसके बाद अगले चार दिन ‘एकांत भारी’ वर्षा जारी रहेगी
इस पूरे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, पंजाब में किसानों और आम जनता को आगे भी बारिश के लिए तैयार रहना चाहिए। वहीं, पूर्वोत्तर में निवासियों को बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में सतर्क रहने, सरकारी चेतावनियों का पालन करने, और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है।