मध्य पूर्व में ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक चिंता को और गहरा कर दिया है। हाल ही में रूस ने एक कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या की कोई कोशिश होती है या उनकी मृत्यु होती है, तो इससे "पेंडोरा बॉक्स" खुल जाएगा, जिसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा।
रूस के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। बयान में कहा गया है कि ईरान की राजनीतिक और धार्मिक व्यवस्था के शीर्ष पर बैठे खामेनेई पर हमला न केवल ईरान की आंतरिक स्थिरता को तोड़ेगा, बल्कि यह पूरे पश्चिम एशिया को युद्ध की आग में झोंक सकता है।
रूस की इस प्रतिक्रिया को ऐसे समय में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब अमेरिका और इज़राइल की सैन्य गतिविधियां लगातार तेज हो रही हैं। इज़राइल ने हाल ही में दावा किया था कि उसके पास ईरान के परमाणु कार्यक्रम को ध्वस्त करने की पूरी रणनीति है और अगर ज़रूरत पड़ी तो वह "टारगेटेड स्ट्राइक" कर सकता है।
इस बीच, ईरान ने भी स्पष्ट रूप से कह दिया है कि यदि उसके नेतृत्व पर कोई हमला होता है, तो उसका जवाब पूरे क्षेत्र में विनाशकारी होगा। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और हिज़्बुल्लाह जैसे संगठन पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं और इज़राइल के खिलाफ जवाबी हमले की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि खामेनेई की हत्या जैसी कोई घटना होती है, तो इससे मध्य एशिया और गल्फ देशों में अस्थिरता और भी बढ़ जाएगी। अमेरिका, रूस, चीन और यूरोपीय देशों के लिए यह स्थिति एक नई कूटनीतिक चुनौती बन सकती है।
रूस की चेतावनी का एक रणनीतिक अर्थ भी है—रूस ईरान के साथ अपनी मित्रता और ऊर्जा सहयोग को और गहरा करना चाहता है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और आर्थिक सहयोग में वृद्धि हुई है। ऐसे में यदि ईरान अस्थिर होता है, तो रूस की पश्चिम एशिया में पकड़ भी कमजोर हो सकती है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस क्षेत्र में शांति बहाल करने की अपील कर रही हैं। लेकिन ज़मीनी हालात और रणनीतिक तैयारियों को देखते हुए तनाव में जल्द कमी आने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।