प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए एक अहम निमंत्रण को ठुकराने की वजह का खुलासा किया। यह निमंत्रण ट्रंप के कार्यकाल के दौरान मिला था, जब उन्होंने मोदी को अमेरिका में एक विशेष निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने इसे विनम्रता से अस्वीकार कर दिया था।
भुवनेश्वर में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए देश सर्वोपरि है। जब उस वक्त मुझे अमेरिका आने का निमंत्रण मिला था, तब भारत में कुछ अहम राष्ट्रीय कार्य थे, जिन्हें छोड़ना मेरे लिए संभव नहीं था। मैं किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की गरिमा से समझौता नहीं कर सकता।” उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए वे कभी भी देश के हितों को दरकिनार नहीं कर सकते।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की भूमिका लगातार मजबूत होती जा रही है। पीएम मोदी के इस निर्णय को उनकी ‘भारत फर्स्ट’ नीति के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति अब आत्मविश्वास से भरपूर है और हम किसी दबाव में निर्णय नहीं लेते।
पीएम मोदी के इस बयान को जनता ने भी सराहा। सोशल मीडिया पर उनके इस खुलासे को लेकर बड़ी चर्चा हो रही है और लोग इसे भारतीय नेतृत्व की दृढ़ता और आत्मसम्मान का प्रतीक मान रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी हमेशा से संस्थागत प्राथमिकताओं को निजी रिश्तों से ऊपर रखते आए हैं।