मॉनसून पूरे देश में एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले करीब 30 घंटों में एक शक्तिशाली पवन–तूफान और बारिश का सिस्टम देश में प्रवेश करेगा। इससे पश्चिमी और उत्तर–पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में एक साथ भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है।
🌧️ एक्टिव सिस्टम का विस्तार
IMD ने मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और हिमाचल समेत कई राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में विशेषकर 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज होने की आशंका है । मध्य प्रदेश में एक ही दिन में 30 से अधिक जिलों में भारी बारिश की रिपोर्ट मिली है, जबकि गुना जिले में अकेले 63 मिमी बारिश दर्ज हुई ।
🚨 राज्य स्तर पर अलर्ट और ताजा हालात
-
उत्तर प्रदेश (30 जिलों में अलर्ट):
मौसम विभाग ने तेज मानसूनी बारिश की चेतावनी दी है। कई इलाकों में बारिश और तूफानी हवाओं की संभावना बनी हुई है ।
-
गुजरात (केंद्रीय राज्यों में):
वडोदरा और आसपास के जिलों में 205 मिमी बारिश हुई, जिससे 8 बांध फुल हो गए और हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा
-
उत्तर–पूर्व (IMD का ऑरेंज अलर्ट):
असम, मेघालय, त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में अगले तीन दिनों तक ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी है
-
हरियाणा–पंजाब–दिल्ली–एनसीआर:
मेटेओरोलॉजिकल रेकॉर्ड के अनुसार गुड़गांव में यलो अलर्ट जारी है, जहाँ आगामी दो दिनों में बिजली कड़कने और 50 किमी/घंटा रफ्तार की हवाओं की संभावना है ।
⚠️ संभावित प्रभाव और तैयारियाँ
-
बाढ़ और जलभराव: वडोदरा, प्रयागराज समेत कई इलाकों में निचले इलाकों में पानी भरने की घटनाएँ शुरू हो गई हैं, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हो रहे हैं ।
-
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर: सड़कें बह रही हैं, पुल कमजोर पड़ रहे हैं एवं विद्युत आपूर्ति में रुकावट आने की संभावना है।
-
सावधानी का संदेश:
-
IMD ने सभी संबंधित जिलों को सतर्क रहने और बचाव कार्य सक्रिय रखने की सलाह दी है।
-
बांधों के आसपास के लोगों को अलर्ट मोड में रहने कहा गया है।
-
ग्रामीण इलाकों में पुलों और फाटक के क्षतिग्रस्त होने पर यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।
मॉनसून इस बार तेज़ी से फैल रहा है, उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम सभी दिशाओं में समन्वित प्रभाव दिखा रहा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी, गुजरात और पंजाब–हरियाणा–एनसीआर समेत कई बड़े हिस्सों में अगले 30 घंटे महत्वपूर्ण हैं। भारी बारिश, तेज़ हवाओं, बाढ़ और जलभराव की संभावना को देखते हुए सावधानी बरतें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स का पालन करें।