22 जून 2025 को ईरानी संसद ने स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज को बंद करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी, हालांकि अंतिम फैसला अब देश के सर्वोच्च सुरक्षा निकाय — सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल — के पास है । यह उत्तेजित कदम अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर गत-अंत सप्ताह हुई हवाई हमलों के जवाब में उठाया गया है ।
स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज दुनिया का एक सबसे संवेदनशील तेल मार्ग है — यहां से लगभग 20 % वैश्विक तेल पारगमन होता है । एक बंदी की स्थिति में तेल की कीमतों पर तत्काल दबाव बन सकता है। JP Morgan ने इस परिदृश्य में ब्रेंट क्रूड के $120–130 प्रति बैरल तक पहुँचने की संभावना व्यक्त की है । इसी बीच, गोल्डमैन सैक्स ने भी एक $10 प्रति बैरल के “geopolitical risk premium” को मान्यता दी है ।
23 जून तक ब्रेंट क्रूड पहले ही $78–80 प्रति बैरल पर पहुँच चुका है — एक सप्ताह पहले की तुलना में दस प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है । अमेरिकी डॉलर भी मजबूत हुआ, निवेशक सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं ।
ईरानी संसद का प्रस्ताव अभी पूर्ण नहीं हुआ है। सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को इसे आधिकारिक रूप से लागू करना होगा । हालांकि, इससे पहले संसद की सहमति से ही वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ गई है, व्यापारिक जहाज़ों और बीमा कंपनियों की हड़बड़ी दिखाई दे रही है ।
इतिहास में देखा गया है कि ऐसी धमकियाँ अक्सर अस्थायी रही हैं। उदाहरण के तौर पर, 2011–12 और हाल ही में 2019 में भी तनाव के बीच किसी पूर्ण बंदी की स्थिति नहीं बनी। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह “बंद करने की धमकी” एक रणनीतिक हथियार हो सकती है, लेकिन वास्तविक बंदी की संभावना बेहद कम है ।
फिर भी, अभी के लिए तेल बाजार उत्प्रेरित हो चुका है। रॉयल बैंक ऑफ कनाडा और जेफरीज़ जैसे वित्तीय विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने अपने उत्तराधिकारी कदम उठाए — जैसे खानों की तैनाती, ड्रोन हमले या नौकाओं से बेड़े पर हमले — तो तेल की कीमतें चार-गुना तक बढ़ सकती हैं ।
निष्कर्ष:
यदि बंदी लागू होती है, तो वैश्विक तेल सप्लाई संकट गहराएगा, कीमतें आसमान छू सकती हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव बढ़ सकता है। फिलहाल यह अधिकतर कूटनीतिक चेतावनी है, लेकिन इसके प्रभाव से बचने के उपायों और तेल भंडार नीति में तेजी से बदलाव हो सकता है।