पुरी (ओडिशा): श्रद्धा, आस्था और परंपरा का महापर्व श्री जगन्नाथ रथ यात्रा आज से प्रारंभ हो रहा है। हर साल की तरह इस वर्ष भी भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विशाल रथ भव्यता से सजाए गए हैं और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए पुरी प्रशासन ने अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की है।
रथ यात्रा की तैयारी कई हफ्तों से चल रही थी और अब तीनों रथ – 'तालध्वज' (बलभद्र), 'दर्पदलन' (सुभद्रा) और 'नंदीघोष' (जगन्नाथ) – पूरी तरह से सुसज्जित हैं। कारीगरों ने पारंपरिक लकड़ी से बने इन रथों को रंग-बिरंगे कपड़ों, धार्मिक चिह्नों और अलंकरणों से सजाया है। रथों को खींचने के लिए भारी संख्या में रस्सियां लगाई गई हैं और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेने को तैयार हैं।
पुरी में रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान का प्रतीक भी है। रथ खींचने को पुण्य का कार्य माना जाता है, जिसे करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। कोविड के बाद यह पहला अवसर है जब श्रद्धालुओं को बिना प्रतिबंध रथ यात्रा में भाग लेने की अनुमति दी गई है।
सुरक्षा के मोर्चे पर प्रशासन पूरी तरह चौकस है। लगभग 180 प्लाटून पुलिस बल, बम स्क्वॉड, एंटी-टेरर यूनिट, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और ड्रोन से हवा से नजर रखी जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल कैंप, जल वितरण केंद्र और मोबाइल टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है।
रथ यात्रा के पहले दिन ‘गुंडिचा मंदिर’ तक भगवानों की यात्रा होगी, जहां वे सात दिनों तक विश्राम करेंगे और फिर ‘बहुदा यात्रा’ के जरिए वापसी करेंगे।
इस अवसर पर ओडिशा सरकार और मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांतिपूर्वक आयोजन में भाग लेने और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।