अंकारा/कीव, 11 मई 2025 – रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर शांति वार्ता की संभावनाएं सामने आ रही हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, तुर्की सरकार दोनों देशों के राष्ट्रपतियों—वोलोदिमीर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन—की सीधी मुलाकात के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभाने को तैयार है। हालांकि इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने रूस के सामने एक अहम शर्त रख दी है।
यूक्रेन सरकार का कहना है कि किसी भी शांति वार्ता की शुरुआत तभी संभव है, जब रूस कब्जाए गए यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेनाएं हटाने का भरोसा दे। जेलेंस्की प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वार्ता के केंद्र में यूक्रेन की क्षेत्रीय संप्रभुता और सीमा की पूर्ण बहाली होगी।
तुर्की की मध्यस्थता कोशिशें फिर तेज़
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन बीते कुछ वर्षों में कई बार रूस और यूक्रेन के बीच सुलह कराने का प्रयास कर चुके हैं। 2022 और 2023 में अनाज डील और कैदियों की अदला-बदली के दौरान तुर्की ने सफलतापूर्वक मध्यस्थता की थी। अब एक बार फिर अंकारा में दोनों नेताओं की एक संभावित मुलाकात की चर्चा चल रही है।
हालांकि, रूस की ओर से अभी तक इस संभावित बैठक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने इतना जरूर कहा है कि "रूस तुर्की के प्रयासों का सम्मान करता है, लेकिन किसी भी वार्ता के लिए यूक्रेन को वास्तविकता के धरातल पर आना होगा।"
यूक्रेन की मांगें क्या हैं?
यूक्रेन ने साफ किया है कि शांति वार्ता की पहल तभी मानी जाएगी, जब रूस निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमत होगा:
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डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसोन जैसे कब्जाए गए क्षेत्रों से पीछे हटना
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युद्धबंदियों की सुरक्षित वापसी
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युद्ध अपराधों की अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग
क्या वार्ता की कोई उम्मीद है?
हालांकि संघर्ष अभी भी जारी है, लेकिन पश्चिमी देशों—खासकर अमेरिका और यूरोपीय संघ—की ओर से भी शांति वार्ता को लेकर समर्थन बढ़ रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर तुर्की जैसे देश सफल मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं, तो भविष्य में दोनों देशों के बीच किसी प्रारंभिक समझौते की नींव रखी जा सकती है।