भारत सरकार ने जनगणना 2027 (Census 2027) को लेकर महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे देश की सबसे बड़ी सांख्यिकीय प्रक्रिया की तैयारी ने आधिकारिक रूप से गति पकड़ ली है। गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा अधिसूचना जारी होते ही राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।
जनगणना की भूमिका और महत्व
जनगणना न केवल देश की जनसंख्या का आंकलन करती है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, भाषाई, धार्मिक और शैक्षिक पहलुओं से जुड़ी गहन जानकारी भी प्रदान करती है। सरकार की योजनाएं, नीतियां और संसाधनों का वितरण इसी आधार पर होता है। इसलिए हर दस वर्षों में होने वाली यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है।
जनगणना 2021 क्यों टली?
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना 2021 समय पर नहीं हो सकी थी। दो चरणों में प्रस्तावित उस जनगणना को बार-बार स्थगित करना पड़ा। अब सरकार ने 2027 में इसे संचालित करने का निर्णय लिया है और अधिसूचना जारी कर इसकी पुष्टि कर दी है।
डिजिटल जनगणना की ओर बड़ा कदम
इस बार की जनगणना को डिजिटल और पेपरलेस बनाने का प्रयास किया जा रहा है। RGI की योजना है कि गणनाकर्मियों को मोबाइल ऐप और टैबलेट्स के माध्यम से आंकड़े एकत्र करने की सुविधा दी जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि आंकड़ों की सटीकता और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
राज्यों को सौंपे गए ज़िम्मेदारियां
जनगणना की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन से यह अपेक्षा की गई है कि वे प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति, संसाधनों की उपलब्धता और क्षेत्रवार सूचीबद्धता समय रहते पूरी करें।
जन जागरूकता अभियान की तैयारी
सरकार द्वारा जल्द ही एक राष्ट्रीय जनगणना जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा, ताकि आम लोग इस प्रक्रिया की अहमियत को समझें और सक्रिय भागीदारी करें। यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होगी कि कोई भी नागरिक जनगणना से छूट न जाए।
संभावित नई विशेषताएं
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लिंग आधारित आंकड़े अधिक विस्तृत होंगे।
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आवास, जल, स्वच्छता और इंटरनेट सुविधा जैसी सूचनाएं भी दर्ज की जाएंगी।
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जातिगत आंकड़ों को लेकर भी चर्चा जारी है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय अधिसूचना के उपरांत ही होगा।
जनगणना 2027 भारत के सामाजिक-आर्थिक भविष्य की दिशा तय करने वाली सबसे अहम प्रक्रिया साबित होगी। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना इस दिशा में पहला औपचारिक कदम है, जो आने वाले महीनों में बड़े स्तर पर जनसहयोग और प्रशासनिक तत्परता की मांग करेगा।