तेल अवीव/तेहरान, 15 जून 2025 — पश्चिम एशिया में तनाव ने एक बार फिर भयानक रूप धारण कर लिया है। रविवार देर रात ईरान ने इजरायल पर बड़ा मिसाइल हमला करते हुए तेल अवीव की एक आठ मंजिला आवासीय इमारत को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
हमले के तुरंत बाद पूरे तेल अवीव में हाहाकार मच गया। कई परिवारों को मलबे से बाहर निकाला गया जबकि राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है। इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, ईरान की ओर से दागी गई मिसाइल अत्यधिक विनाशकारी क्षमता वाली थी, जिसे पूर्ण रूप से रोकना संभव नहीं हो सका।
ईरान की ओर से हमले की जिम्मेदारी सीधे तौर पर "इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC)" ने ली है। उन्होंने इसे इजरायली सैन्य अड्डों पर कथित हमलों के जवाब में "सामरिक प्रतिशोध" बताया है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि "हमारा जवाब आत्मरक्षा के दायरे में है, लेकिन अगर उकसाया गया तो हम और भी कठोर कदम उठाने को तैयार हैं।"
इस हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने आपात बैठक बुलाई और देश में पूर्ण युद्ध की तैयारी के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "ईरान ने हमारे नागरिकों पर हमला किया है, यह युद्ध की घोषणा के समान है। इजरायल इसका करारा जवाब देगा।"
तेल अवीव में घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे बंकरों और सुरक्षित स्थानों में रहें और अफवाहों से बचें। शहर में स्कूल, मेट्रो और सार्वजनिक सेवाएं फिलहाल बंद कर दी गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले पर गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से हल निकालने की अपील की है। वहीं अमेरिका ने इस हमले से स्वयं को अलग बताते हुए कहा कि "हम इजरायल के साथ हैं लेकिन इस ताज़ा हमले में हमारी कोई भूमिका नहीं है।"
इस हमले के बाद आशंका जताई जा रही है कि यह टकराव पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को युद्ध के मुहाने पर पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात जल्द नहीं संभाले गए, तो यह संघर्ष सीरिया, लेबनान और खाड़ी देशों तक फैल सकता है, जिसके गंभीर वैश्विक परिणाम होंगे।