अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस त्रासदी में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। ऐसे कठिन समय में देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप ने एक मानवीय और संवेदनशील कदम उठाते हुए पीड़ितों और उनके परिजनों की मदद के लिए एक बड़ी घोषणा की है।
टाटा समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को ₹1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज का पूरा खर्च टाटा ग्रुप वहन करेगा। यह सहायता सीधे तौर पर पीड़ितों के बैंक खातों में भेजी जाएगी, जिससे उन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक जटिलता का सामना न करना पड़े।
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा,
"यह सिर्फ एक औद्योगिक पहल नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। जब देश पर कोई विपत्ति आती है, तब टाटा समूह हमेशा अपने नागरिकों के साथ खड़ा होता है। हम उन परिवारों के दुःख को पूरी संवेदना से समझते हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है। यह मदद राशि उनके जीवन को फिर से संवारने की एक छोटी सी कोशिश है।"
टाटा ग्रुप ने केवल मुआवजे और इलाज की जिम्मेदारी ही नहीं ली, बल्कि एक दीर्घकालिक पहल के तहत उन्होंने हादसे में मारे गए बच्चों के लिए एक आवासीय हॉस्टल के निर्माण का भी ऐलान किया है। यह हॉस्टल पूरी तरह से फंडेड होगा और उसमें रहने वाले बच्चों की शिक्षा, पोषण और सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
गौरतलब है कि टाटा ग्रुप पहले भी कई आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में आगे आ चुका है, चाहे वो कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई हो, या प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री भेजना हो। इस बार भी उन्होंने अपनी विरासत को बरकरार रखते हुए मानवीय मूल्यों की मिसाल कायम की है।
सरकार और आम जनता ने टाटा समूह की इस पहल का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर लोग इस मदद को “सच्ची कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR)” का उदाहरण बता रहे हैं। कई उद्योगपति और अन्य संस्थान भी अब इस कदम से प्रेरणा लेकर सहयोग के लिए आगे आने लगे हैं।
टाटा ग्रुप की यह पहल न सिर्फ आर्थिक राहत देने वाली है, बल्कि समाज में संवेदना और जिम्मेदारी के भाव को भी मजबूती देती है। ऐसे संकट के समय में यह कदम देश के कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है।