उत्तर भारत में मौसम एक बार फिर करवट लेने जा रहा है। मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों तक कई राज्यों में मूसलाधार बारिश के आसार हैं, जबकि पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी और शीतलहर तापमान को तेजी से नीचे गिरा सकती है। इस बदलते मौसम का असर मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों तक साफ नजर आएगा।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेज बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही निचले इलाकों में तेज बारिश और ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है। पहाड़ों में बर्फ गिरने से ठंड और बढ़ेगी, जबकि कई संपर्क मार्गों पर यातायात प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मैदानी राज्यों की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के चलते दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। बारिश के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे ठंड और तीखी महसूस होगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे जा सकता है।
इसी बीच घने कोहरे ने परिवहन व्यवस्था की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उत्तर भारत के कई हिस्सों में सुबह और रात के समय दृश्यता बेहद कम रहने की संभावना है। इसका सीधा असर रेल यातायात पर पड़ेगा और कई ट्रेनें देरी से चल सकती हैं। कुछ मार्गों पर ट्रेनों के रद्द या री-शेड्यूल होने की भी आशंका जताई जा रही है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी अवश्य ले लें।
सड़क और हवाई यातायात भी कोहरे और खराब मौसम से प्रभावित हो सकता है। खासतौर पर सुबह के समय वाहन चलाते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। मौसम विभाग ने किसानों को भी सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि बारिश और पाला फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है।
कुल मिलाकर, आने वाले तीन दिन मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। बारिश, बर्फबारी, शीतलहर और कोहरे का संयुक्त असर आम जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में लोगों को मौसम अपडेट पर नजर रखने और आवश्यक सावधानियां अपनाने की सलाह दी गई है।