केरल की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ सामने आया है। लगभग 45 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद राजधानी तिरुवनंतपुरम में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है और नगर राजनीति में “कमल” खिलता दिखाई दिया है। इस बदलाव की सबसे चर्चित चेहरे के रूप में सामने आई हैं पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीलेखा, जिन्हें अब तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मेयर पद की मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनकी उम्मीदवारी ने न सिर्फ स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा की है, बल्कि राज्य की सियासी दिशा पर भी नई बहस छेड़ दी है।
पूर्व आईपीएस श्रीलेखा का नाम केरल प्रशासनिक व्यवस्था में लंबे समय से जाना-पहचाना रहा है। पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने अनुशासन, ईमानदारी और कड़े फैसलों के लिए पहचान बनाई। कई संवेदनशील पदों पर काम करने के दौरान उन्होंने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा और प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया। उनके कार्यकाल में लिए गए फैसलों ने उन्हें एक निर्भीक और निष्पक्ष अधिकारी की छवि दिलाई, जो आम जनता के बीच भरोसे का कारण बनी।
प्रशासनिक सेवा से राजनीति में कदम रखना श्रीलेखा के लिए आसान फैसला नहीं था, लेकिन उनका मानना है कि नीति निर्माण में सीधी भागीदारी के बिना बड़े बदलाव संभव नहीं हैं। भाजपा से जुड़कर उन्होंने साफ संकेत दिया कि वे शहरी विकास, पारदर्शी प्रशासन और जनहित को केंद्र में रखकर काम करना चाहती हैं। तिरुवनंतपुरम जैसे शिक्षित और जागरूक शहर में उनकी यह सोच उन्हें अन्य नेताओं से अलग पहचान दिलाती है।
भाजपा की यह जीत इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि केरल में लंबे समय से वाम और कांग्रेस के बीच ही सत्ता का संतुलन रहा है। ऐसे में नगर निगम स्तर पर भाजपा की बढ़त को राज्य की राजनीति में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। श्रीलेखा का प्रशासनिक अनुभव पार्टी के लिए एक मजबूत हथियार साबित हो सकता है, खासकर तब जब शहरी निकायों में बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही की मांग लगातार बढ़ रही है।
यदि श्रीलेखा मेयर बनती हैं, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती तिरुवनंतपुरम को स्मार्ट, सुरक्षित और पारदर्शी शहर के रूप में विकसित करने की होगी। बुनियादी ढांचे, ट्रैफिक, कचरा प्रबंधन और डिजिटल सेवाओं जैसे मुद्दे उनकी प्राथमिकताओं में शामिल बताए जा रहे हैं। कुल मिलाकर, 45 साल बाद तिरुवनंतपुरम में खिले कमल के साथ पूर्व आईपीएस श्रीलेखा का उभार केरल की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।