तेलंगाना में मौसम की मार एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में अचानक बदले मौसम और तेज गरज-चमक के साथ हुई बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में 6 किसानों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। हादसे के वक्त सभी पीड़ित अपने खेतों में कृषि कार्यों में जुटे हुए थे।
तेलंगाना के नालगोंडा, मेडक, करीमनगर, और सिद्दीपेट जिलों से बिजली गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। नालगोंडा जिले के एक गांव में दो किसान खेत में धान की बुवाई कर रहे थे, तभी उन पर बिजली गिर गई और मौके पर ही उनकी जान चली गई। इसी तरह करीमनगर और सिद्दीपेट में भी एक-एक किसान की मौत की खबर है। अन्य स्थानों पर घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को तत्काल राहत सहायता देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बिजली गिरने से जान गंवाने वाले प्रत्येक किसान के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों का इलाज चल रहा है, उनके लिए भी सभी मेडिकल खर्च सरकार वहन करेगी।
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना बनी रहेगी। किसानों और ग्रामीण इलाकों के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी, लेकिन अचानक बदले मौसम ने सबको चौंका दिया।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के शुरुआती दौर में किसान जब खेतों में सक्रिय होते हैं, तब इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इसलिए बिजली गिरने की चेतावनी को हल्के में नहीं लेना चाहिए और ऐसे मौसम में खुले खेतों या ऊंचे स्थानों से दूर रहना चाहिए।