प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार का आंकड़ा अब 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि यह आंकड़ा दोनों देशों की वास्तविक व्यापारिक संभावनाओं की तुलना में काफी कम है और इसमें कई गुना वृद्धि की संभावना मौजूद है।
नई दिल्ली में आयोजित इस फोरम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की साझेदारी रही है। ऐसे में व्यापारिक और निवेश सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, और यह वैश्विक निवेश के लिए एक मजबूत गंतव्य बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने साइप्रस के निवेशकों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल तकनीक, ग्रीन एनर्जी, स्टार्टअप्स और फार्मा जैसे क्षेत्रों में निवेश करने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारत में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार, सरल टैक्स प्रणाली और व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास ने विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक माहौल बनाया है।
इस बैठक के दौरान दोनों देशों के CEO ने विभिन्न सेक्टरों में संभावनाओं पर मंथन किया और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए रणनीतियां साझा कीं। फोरम में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स भी मौजूद रहे और उन्होंने भारत के साथ निवेश और व्यापारिक संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई।
भारत और साइप्रस के बीच आर्थिक सहयोग की दिशा में यह फोरम एक अहम पड़ाव साबित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी की पहल से दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा और गति मिल सकती है, जिससे व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक और रणनीतिक रिश्ते भी और प्रगाढ़ हो सकते हैं।