दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सरकारी आवास पर प्रस्तावित रेनोवेशन को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनविरोध और आलोचनाओं को देखते हुए करीब 60 लाख रुपये की लागत वाला यह मरम्मत कार्य अब नहीं किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा जारी यह टेंडर अब औपचारिक रूप से रद्द कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह रेनोवेशन कार्य मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास की दीवारों की मरम्मत, पेंटिंग, इंटीरियर फर्निशिंग और कुछ संरचनात्मक सुधार से संबंधित था। यह टेंडर अप्रैल 2025 में जारी किया गया था और इसकी अनुमानित लागत लगभग 59.76 लाख रुपये थी। इस योजना को लेकर विपक्ष और आम जनता के एक वर्ग ने आलोचना की थी कि जब राजधानी में कई क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं जैसे जल आपूर्ति, सड़क और स्वच्छता की स्थिति खराब है, तब इतनी बड़ी राशि एक रेनोवेशन पर खर्च करना अनुचित है।
जनता की भावना को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से निर्देश दिया गया कि इस प्रस्ताव को स्थगित किया जाए। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में जारी टेंडर को रद्द कर दिया। PWD अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि अब इस आवास में किसी प्रकार का नया निर्माण या मरम्मत कार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की छवि एक सादगीपूर्ण नेता की रही है और उन्होंने पूर्व में भी कई बार सरकारी खर्चों में कटौती की वकालत की है। उनके इस निर्णय को जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें इसे एक "जनहितैषी कदम" बताया जा रहा है।
इस फैसले से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि सरकार जनता के धन का उपयोग सोच-समझकर और प्राथमिकता के आधार पर करेगी। राजधानी की बुनियादी समस्याओं के समाधान को पहले महत्व दिया जाएगा।