अयोध्या आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। राम मंदिर परिसर में पहली बार दिव्य धर्म ध्वज का आरोहण किया जाएगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिजीत मुहूर्त में शिखर पर स्थापित करेंगे। यह ध्वज न केवल सनातन परंपरा का प्रतीक है, बल्कि राम भक्तों के लंबे इंतज़ार और भावनाओं का भी सम्मान है।
रामनगरी में सुबह से ही उत्साह और भक्ति का माहौल है। पूरे शहर को दीपों, फूलों और पारंपरिक सजावट से दुल्हन की तरह संवारा गया है। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और देशभर से पहुंचे श्रद्धालु इस अनूठे पल के गवाह बनने को उत्सुक हैं। सुगम व्यवस्था के लिए प्रशासन ने विभिन्न मार्गों पर ट्रैफिक प्लान भी लागू किया है।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, धर्म ध्वज का निर्माण विशेष कपड़े और पारंपरिक शिल्पकला से किया गया है, जो वैदिक विधि-विधान के अनुरूप तैयार किया गया। ध्वज के रंग और डिजाइन में सनातन धर्म की वैभवशाली परंपरा, मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श और अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीकात्मक रूप दिखाई देता है।
अभिजीत मुहूर्त—जो कि शुभ कर्मों के लिए अत्यंत मंगल माना जाता है—में ध्वज आरोहण के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष यज्ञ अनुष्ठान आयोजित किया गया है। इस मुहूर्त में किया गया कार्य दीर्घकालीन शुभ फल देने वाला माना जाता है, इसलिए इसे इस महत्त्वपूर्ण आयोजन के लिए चुना गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर राम मंदिर परिसर में उत्साह चरम पर है। उनके साथ कई संत, धर्मगुरु और मंदिर ट्रस्ट के सदस्य मौजूद रहेंगे। ध्वज के शिखर पर पहुंचते ही मंदिर परिसर में घंटा-घड़ियाल, शंखनाद और जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठने की तैयारी है।
अयोध्या के लोगों का कहना है कि यह क्षण उनके लिए गर्व और भावनाओं से भरा हुआ है। राम मंदिर निर्माण के बाद यह पहला अवसर है जब मंदिर के शिखर पर विधिवत धर्म ध्वज फहराया जाएगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आस्था और संस्कृति का प्रेरणास्रोत बनेगा।
आज का दिन सनातन संस्कृति, आस्था और आध्यात्मिक गर्व का अनोखा उत्सव बन चुका है, जो इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।