दिल्ली-NCR में लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता ने पिछले कई दिनों से प्रशासन और नागरिकों दोनों की चिंता बढ़ा दी थी। मगर मंगलवार देर रात आए नए एयर क्वालिटी बुलेटिन में हालात में सुधार दर्ज किया गया, जिसके बाद आयोग ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के स्टेज-3 प्रतिबंधों को वापस लेने का निर्णय लिया। इसके साथ ही निर्माण गतिविधियों, औद्योगिक यूनिटों और परिवहन पर लागू कई कड़े प्रतिबंध भी हट गए हैं।
हवा की गुणवत्ता में सुधार का प्रमुख कारण हवा की रफ्तार बढ़ना, तापमान में हल्की बढ़ोतरी और उत्तरी दिशा से साफ हवा का आना माना जा रहा है। पिछले 48 घंटों में AQI ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आया, और कई इलाकों में यह और नीचे फिसलकर ‘खराब’ श्रेणी के करीब पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो आने वाले दिनों में AQI और बेहतर हो सकता है।
GRAP स्टेज-3 हटते ही निर्माण स्थलों पर लगी रोक खत्म हो गई है, हालांकि धूल नियंत्रण के नियम पहले की तरह लागू रहेंगे। बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम फिर से शुरू हो गया है, जिससे मजदूरों और संबंधित उद्योगों को राहत मिली है। वहीं, डीज़ल जेनरेटर सेटों के इस्तेमाल पर लगी सख्ती भी सीमित पैमाने पर हटाई गई है। प्रशासन का कहना है कि निगरानी टीमें प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन सुनिश्चित करती रहेंगी।
स्कूलों को भी अब सामान्य मोड में वापस आने की अनुमति दे दी गई है। कई निजी और सरकारी स्कूलों ने ऑनलाइन मोड को बंद कर ऑफलाइन कक्षाओं को पूर्ण रूप से शुरू करने की घोषणा कर दी है। अभिभावकों ने भी राहत जताई है, क्योंकि बच्चों की पढ़ाई और दिनचर्या लगातार प्रदूषण अलर्ट के कारण प्रभावित हो रही थी।
दिल्ली सरकार और केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने साफ किया है कि GRAP स्टेज-1 और स्टेज-2 की गाइडलाइन फिलहाल लागू रहेंगी। वाहनों की फिटनेस चेकिंग, सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा, और औद्योगिक यूनिटों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जारी रहेगी। विशेषज्ञ इस अवधि को “सतर्कता की जरूरत वाली स्थिर स्थिति” बता रहे हैं, क्योंकि मौसम में किसी भी तरह का उलटफेर प्रदूषण के स्तर को दोबारा बढ़ा सकता है।
फिलहाल राजधानी और NCR में राहत की हवा जरूर चली है, लेकिन प्रशासन ने अपील की है कि नागरिक वाहन इस्तेमाल कम करें, कार-पूलिंग अपनाएं और आवश्यक सावधानियाँ बरतें, ताकि यह सुधार लंबे समय तक बरकरार रहे।