केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश की रणनीतिक और आर्थिक क्षमता को मजबूत करने वाले चार अहम प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। सबसे बड़ा फैसला रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने से संबंधित है, जिसके लिए सरकार ने 7,280 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज को स्वीकृति दी है। यह कदम भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में आत्मनिर्भर बनाने और चीन पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल माना जा रहा है।
रेयर अर्थ मैग्नेट—जो इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा उपकरणों, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं—का अब तक अधिकांश आयात चीन से होता रहा है। सरकार का कहना है कि नई उत्पादन क्षमता शुरू होने के बाद भारत न केवल अपनी जरूरतें पूरी करेगा बल्कि भविष्य में निर्यात की भी संभावनाएं बढ़ेंगी। परियोजना के तहत निजी और सरकारी साझेदारी मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा।
कैबिनेट के दूसरे महत्वपूर्ण फैसले में MSME सेक्टर के लिए क्रेडिट सपोर्ट स्कीम में संशोधन को मंजूरी दी गई। संशोधन के बाद छोटे उद्योगों को कम ब्याज दर पर लोन मिल सकेगा, जिससे रोजगार और उत्पादन क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि इससे 50 लाख से अधिक यूनिट्स को प्रत्यक्ष लाभ होगा और ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में नए कारोबार तेजी पकड़ सकेंगे।
तीसरे फैसले में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 परियोजना का विस्तार शामिल है। इस परियोजना के तहत नवीकरणीय ऊर्जा को राज्यों से राष्ट्रीय ग्रिड तक जोड़ने के लिए नई ट्रांसमिशन लाइनों और सबस्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को मजबूती मिलेगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित होगी।
चौथे बड़े निर्णय के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) को वर्ष 2028 तक बढ़ाने पर सहमति दी गई। सरकार के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में अभी भी लाखों परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना बाकी है। नए विस्तार से करीब 80 लाख अतिरिक्त आवासों के निर्माण की राह खुलेगी। इससे निर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा और शहरों में आवासीय संकट कम होगा।
कुल मिलाकर, कैबिनेट के इन चार फैसलों को देश की औद्योगिक मजबूती, ऊर्जा सुरक्षा, शहरी विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक समग्र कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेयर अर्थ मैग्नेट परियोजना से लेकर ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और MSME सुधार—ये योजनाएँ भारत के टेक्नोलॉजिकल और आर्थिक भविष्य को नई दिशा देंगी।