पिछले तीन वर्षों अर्थात 2022-23 से 2024-25 के दौरान प्रीमियम सब्सिडी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी और किसानों को भुगतान किए गए कुल दावों का राज्यवार विवरण अनुबंध में दिया गया है।
पिछले तीन वर्षों अर्थात 2022-23 से 2024-25 तक के बजटीय प्रावधान और उपयोग की गई धनराशि का विवरण नीचे दिया गया है:
|
वर्ष
|
बजट अनुमान
|
संशोधित अनुमान
|
वास्तविक रिलीज/व्यय
|
|
(रूपए करोड़ में)
|
|
2022-23
|
15,500.00
|
12375.76
|
10,296.03
|
|
2023-24
|
13,625.00
|
15000.00
|
12,948.50
|
|
2024-25
|
14,600.00
|
15864.00
|
14,772.86
|
सरकार ने पारदर्शिता लाने आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा दावों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के लिए और भारत में इस योजना के कार्यान्वयन की मजबूती के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं:
- सरकार ने सब्सिडी भुगतान, समन्वय, पारदर्शिता, सूचना के प्रसार और किसानों के सीधे ऑनलाइन नामांकन सहित सेवाओं की डिलीवरी, बेहतर निगरानी के लिए एकल बीमित किसान का विवरण अपलोड/प्राप्त करने और व्यक्ति विशेष किसान के बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दावा राशि का अंतरण सुनिश्चित करने के लिए एकल डेटा स्रोत के रूप में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) विकसित किया है।
- दावा वितरण प्रक्रिया की कड़ी निगरानी के लिए, खरीफ 2022 से दावों के भुगतान हेतु 'डिजिक्लेम मॉड्यूल' नामक एक समर्पित मॉड्यूल शुरू किया गया है। इसमें NCIP को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) और बीमा कंपनियों की लेखा प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है ताकि सभी दावों का समय पर और पारदर्शी तरीके से निपटान सुनिश्चित किया जा सके।
- इसके अतिरिक्त, योजना के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में, सीसीई-एग्री ऐप के माध्यम से उपज डेटा/फसल कटाई प्रयोग (CCE) डेटा को कैप्चर करना और इसे NCIP पर अपलोड करना, बीमा कंपनियों को CCE के संचालन को देखने की अनुमति देना, NCIP के साथ राज्य भूमि रिकॉर्ड को एकीकृत करना आदि जैसे विभिन्न कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं ताकि किसानों के दावों का समय पर निपटान हो सके।
- सरकार ने किसानों और पंचायती राज संस्थाओं (PRI) के सदस्यों के बीच PMFBY की प्रमुख विशेषताओं का प्रसार करने के लिए राज्यों, कार्यान्वित बीमा कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) नेटवर्क द्वारा की जा रही जागरूकता गतिविधियों का सक्रिय रूप से सहायता की है।
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा खरीफ 2021 सीज़न से ही एक संरचित जागरूकता अभियान 'क्रॉप इंश्योरेंस वीक/फसल बीमा सप्ताह' शुरू किया गया है। इसके साथ ही, योजना कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर किसानों के ज्ञानवर्धन के लिए ग्राम/ग्राम पंचायत स्तर पर 'फसल बीमा पाठशालाएँ' भी आयोजित की जा रही हैं।
- सरकार ने देशव्यापी स्तर पर घर-घर फसल बीमा पॉलिसी/रसीद वितरण महाअभियान - 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ' का भी आयोजन किया। ग्राम पंचायत/ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से PMFBY के अंतर्गत नामांकित किसानों को फसल बीमा पॉलिसी रसीदों की हार्ड कॉपी वितरित की गई।
अनुबंध
|
PMFBY और RWBCIS: वर्ष 2022-23 से 2024-25 (31 अक्टूबर, 2025 तक) तक प्रीमियम हिस्सेदारी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी और कुल भुगतान किए गए दावों की राज्यवार जानकारी
|
|
|
|
|
|
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश
|
प्रीमियम में भारत सरकार का हिस्सा
|
भुगतान किए गए दावे
|
|
(रूपए करोड़ में)
|
|
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह
|
0.04
|
0.02
|
|
आंध्र प्रदेश
|
1,935.35
|
747.08
|
|
असम
|
246.71
|
161.29
|
|
छत्तीसगढ़
|
2,124.46
|
1,389.47
|
|
गोवा
|
0.00
|
0.01
|
|
हरियाणा
|
1,117.10
|
3,142.14
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
279.11
|
212.31
|
|
जम्मू एवं कश्मीर
|
138.37
|
67.19
|
|
झारखंड
|
336.56
|
-
|
|
कर्नाटक
|
2,993.66
|
7,389.49
|
|
केरल
|
165.37
|
345.14
|
|
मध्य प्रदेश
|
3,674.83
|
3,301.05
|
|
महाराष्ट्र
|
10,558.66
|
20,373.07
|
|
मणिपुर
|
4.31
|
5.28
|
|
मेघालय
|
13.13
|
23.97
|
|
ओडिशा
|
1,827.64
|
963.79
|
|
पुदुचेरी
|
7.33
|
7.29
|
|
राजस्थान
|
6,402.60
|
9,787.70
|
|
सिक्किम
|
0.18
|
0.01
|
|
तमिलनाडु
|
1,818.88
|
2,359.28
|
|
त्रिपुरा
|
11.47
|
4.46
|
|
उत्तर प्रदेश
|
1,226.21
|
1,878.34
|
|
उत्तराखंड
|
513.70
|
711.37
|
|
कुल
|
35,395.66
|
52,869.78
|
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।