दिसंबर के दस दिन बीतने के बाद भी दिल्ली में कड़ाके की ठंड ने अभी पूरी तरह दस्तक नहीं दी है। सुबह और रात के तापमान में गिरावट जरूर दर्ज की जा रही है, लेकिन दिन में हल्की धूप के कारण राजधानी में सर्दी का असर अपेक्षा से कम महसूस हुआ है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि यह राहत ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली। अगले एक सप्ताह में मौसम का मिजाज़ अचानक बदल सकता है और दिल्ली एनसीआर में शीतलहर की स्थिति बन सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की कमज़ोर सक्रियता के कारण उत्तर भारत में ठंड की रफ्तार थमी हुई थी। लेकिन 11 से 14 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हिमपात और बारिश की संभावना जताई गई है। पहाड़ों पर होने वाली यह बर्फबारी मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं के तेज़ प्रवाह को बढ़ाएगी। इसका सीधा असर दिल्ली-एनसीआर पर पड़ेगा और अगले सप्ताह तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हो सकती है।
दिल्ली में इस समय न्यूनतम तापमान सामान्य से 1–2 डिग्री अधिक बना हुआ है, लेकिन 15 दिसंबर के बाद हालात बदलेंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि रात का तापमान 6–7 डिग्री तक पहुंच सकता है, जबकि कुछ इलाकों में पारा 5 डिग्री तक लुढ़कने की संभावना है। दिन के तापमान में भी गिरावट होगी और अधिकतम तापमान 20 डिग्री के आसपास रह सकता है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले हफ्ते घना कोहरा भी लौट सकता है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज़रिए आने वाली ठंडी हवाएं दिल्ली में दृश्यता को 50 मीटर तक कम कर सकती हैं। इससे सुबह-सुबह सड़कों पर यातायात प्रभावित हो सकता है और रेल-उड़ानों के समय पर असर पड़ने की आशंका है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अचानक बढ़ती ठंड से बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी। धुएं और कोहरे के मेल से स्मॉग बनने का खतरा है, जिससे प्रदूषण स्तर और बढ़ सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ठंड इस बार देर से जरूर आ रही है, लेकिन असर ज्यादा तेज़ रहेगा। 18 दिसंबर के बाद से दिल्ली में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो सकता है, जो जनवरी की शुरुआत तक चरम पर पहुंचने के संकेत दे रहा है।
अगले हफ्ते के लिए मौसम का यही अलर्ट है—राहत के दिन बीत चुके, अब दिल्ली को असली ठंड के लिए तैयार रहना होगा।