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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भनगर में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया, स्वच्छताकर्मियों के साथ भोजन किया

February 27, 2025 11:06 PM
 
स्वच्छता एवं स्वास्थ्यकर्मियों को उपहार एवं स्वच्छ कुम्भ कोष से बीमा प्रमाण पत्र प्रदान किए, कॉफी टेबल बुक ‘द एसेन्स ऑफ कुम्भ’ का विमोचन किया
 
मुख्यमंत्री को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ द्वारा महाकुम्भ के दौरान बनाए गए विभिन्न विश्व रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र सौंपे गए
 
प्रधानमंत्री जी ने दुनिया को राह दिखायी कि आध्यात्मिक टूरिज्म अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन सकता, उनके विजन को जमीनी धरातल पर उतार कर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के भव्य और दिव्य आयोजन को आगे बढ़ाने का काम किया गया : मुख्यमंत्री
 
महाकुम्भ को वैश्विक परिदृश्य पर अलंकृत करने में स्वच्छता, स्वास्थ्य, परिवहन तथा सुरक्षा आदि विभागों से जुड़े कर्मियों का उल्लेखनीय योगदान रहा
 
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुम्भ से जुड़े स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को 10 हजार रु0 का अतिरिक्त बोनस प्रदान करने की घोषणा की
 
स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिमाह कम से कम 16,000 रु0 न्यूनतम वेतन प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही, उन्हें 05 लाख रु0 का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा
 
प्रदेश में आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का अद्भुत संगम व संयोग बना, 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु महाकुम्भ का हिस्सा बनें
 
महाकुम्भ ने प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के सर्किट प्रदान किए
 
केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग, उ0प्र0 के मंत्रालयों तथा विभागों से सामंजस्य बनाते हुए महाकुम्भ को सफलता की ऊँचाई तक पहुंचाने के लिए प्राणप्रण से जुड़े रहे
 
मेले की व्यवस्था की मॉनीटरिंग के लिए लगाए गए 2,700 सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से मुख्यमंत्री ने लखनऊ से महाकुम्भ की सभी गतिविधियों की मॉनीटरिंग की
 
दुनिया के एक दर्जन से अधिक देशों के मंत्री अथवा राष्ट्राध्यक्ष, 74 देशों के एम्बेसडर तथा हाई कमिश्नर महाकुम्भ का हिस्सा बने, पहली बार 80 से अधिक देशों के लोग महाकुम्भ में भागीदार बने
 
प्रदेश की अर्थव्यवस्था नित नए आयाम गढ़ रही, यहां लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ
 
मुख्यमंत्री ने अरैल घाट पर स्वच्छता कर्मियों के साथ घाट की सफाई की, गंगा जी के तट पर स्नानार्थियों द्वारा छोड़े गए वस्त्रों को निकालकर महाकुम्भ की समाप्ति के उपरान्त पूरे मेला क्षेत्र की स्वच्छता के अभियान का शुभारम्भ किया
 
माँ गंगा, माँ यमुना तथा अदृश्य माँ सरस्वती का विधिवत पूजन-अर्चन किया
 
लखनऊ, 27 फरवरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने दुनिया को राह दिखायी है कि आध्यात्मिक टूरिज्म भी अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन सकता है। उनके विजन को जमीनी धरातल पर उतार कर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के भव्य और दिव्य आयोजन को आगे बढ़ाने का काम किया गया है। दिव्य व भव्य महाकुम्भ को वैश्विक परिदृश्य पर अलंकृत करने में स्वच्छता, स्वास्थ्य, परिवहन तथा सुरक्षा आदि विभागों से जुड़े कर्मियों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। टीम भावना के साथ कार्य करने से प्रयागराज महाकुम्भ के सकुशल आयोजन जैसे परिणाम हमारे सामने आते हैं।
मुख्यमंत्री जी आज महाकुम्भनगर में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने स्वच्छता एवं स्वास्थ्यकर्मियों को उपहार एवं स्वच्छ कुम्भ कोष से बीमा प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा पर्यटन विभाग की कॉफी टेबल बुक ‘द एसेन्स ऑफ कुम्भ’ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ द्वारा मुख्यमंत्री जी को महाकुम्भ के दौरान एक साथ एक समय में कई स्थलों पर सबसे ज्यादा (329) लोगों द्वारा नदी सफाई, सबसे ज्यादा (19,000) सफाईकर्मियों द्वारा एक साथ एक समय में नदी स्वच्छता कार्य तथा 08 घण्टे तक एक जगह सर्वाधिक 10,102 लोगों द्वारा हैण्ड प्रिण्ट बनाए जाने के विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा गया। इसके पूर्व, उन्होंने स्वच्छताकर्मियों के साथ भोजन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज महाकुम्भ से जुड़े स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों को 10 हजार रुपये का अतिरिक्त बोनस प्रदान करने की घोषणा करते हुए कहा कि अभी तक स्वच्छता कर्मियों को महीने में 8,000 से 11,000 रुपये पारिश्रमिक प्राप्त होता था। अप्रैल में एक कॉरपोरेशन बनने जा रहा है। प्रदेश सरकार इसके माध्यम से स्वच्छता कर्मियों के खाते में प्रतिमाह कम से कम 16,000 रुपये पारिश्रमिक के रूप में भेजने की व्यवस्था करने जा रही है। सफाईकर्मियों के साथ-साथ उन स्वास्थ्यकर्मियों को भी न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाएगा, जिनको यह सुविधा अभी तक प्राप्त नहीं हो पाती थी। इस कॉरपोरेशन के माध्यम से न्यूनतम वेतन से वंचित ऐसे सभी कर्मचारियों के खाते में न्यूनतम वेतन की धनराशि उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा। यह कार्यक्रम जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, स्वच्छताकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों तथा ऐसे प्रत्येक कर्मचारी को 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का अद्भुत संगम व संयोग बना है। नए भारत के नये उत्तर प्रदेश में आस्था और आर्थिकी को नया आयाम देकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों ने यह साबित कर दिया है कि यदि राजनैतिक इच्छाशक्ति से कार्य किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी 13 दिसम्बर, 2024 को प्रयागराज महाकुम्भ-2025 तथा इससे सम्बन्धित परियोजनाओं का शुभारम्भ करने के लिए यहां आए थे। महाकुम्भ के पूर्व तथा इसके पश्चात भी उन्होंने हमें अपना मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रयागराजवासियों ने विगत दो माह के दौरान बिना संकोच इस आयोजन को अपने घर का आयोजन माना। वह अपनी परेशानियां भूल कर इस आयोजन का हिस्सा बनें। जगह-जगह भण्डारे की व्यवस्था की गयी। जनप्रतिनिधियों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रयागराज से प्रेरित होकर पूरे प्रदेश के लोग इस भव्य आयोजन के साथ स्वतःस्फूर्त भाव से जुड़ रहे थे। विभिन्न शहरों में अनेक मार्गों से गुजरने वाले श्रद्धालुओं तथा साधु-संतों के स्वागत के लिए प्रदेशवासी पलक-पावड़े बिछाए खड़े थे। प्रदेश वासियों ने सबके सामने यह उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ ने प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के सर्किट प्रदान किए। प्रयागराज से माँ विन्ध्यवासिनी धाम होते हुए काशी तक का सर्किट इसका उदाहरण बना है। 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज में कोई ऐसा दिन नहीं था, जब कम से कम डेढ़ करोड़ श्रद्धालु न रहे हों। यह संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई थी। इस दौरान माँ विन्ध्यवासिनी धाम में प्रतिदिन 05 लाख से 07 लाख श्रद्धालु तथा काशी के बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर में 10 लाख से 15 लाख श्रद्धालु जाते थे। दूसरा सर्किट अयोध्या धाम तथा गोरखपुर है। अयोध्या धाम में इस दौरान प्रतिदिन 07 लाख से 12 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते थे। गोरखपुर में पहली जनवरी से लेकर कल तक प्रतिदिन दो से ढाई लाख श्रद्धालु जाते थे।
तीसरा सर्किट प्रयागराज से श्रृंग्वेरपुर होते हुए लखनऊ व नैमिषारण्य बना। यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। चौथा सर्किट प्रयागराज से लालापुर, राजापुर तथा चित्रकूट तथा पांचवा सर्किट प्रयागराज से बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे होते हुए मथुरा-वृन्दावन तथा शुकतीर्थ बना।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया में आस्था का इतना विशाल समागम कभी नहीं व कहीं नहीं हुआ। 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु इस आयोजन का हिस्सा बनें। इस दौरान कोई भी अपहरण, लूट, छेड़छाड़, दुष्कर्म जैसी अप्रिय घटना नहीं हुई। मौनी अमावस्या पर यहां 08 करोड़ श्रद्धालु थे। श्रद्धालुजनों को सुरक्षित स्नान कराकर उन्हें सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता थी। लाखों श्रद्धालुजन प्रयागराज तथा उसके आसपास के जनपदों में एकत्रित होकर संगम स्नान के लिए उमड़ रहे थे। 28 और 29 जनवरी की रात्रि को दुःखद घटना घटित हुई। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। इसकी आड़ में काहिरा तथा काठमाण्डू की घटना को प्रयागराज की घटना बताकर विरोधी दुष्प्रचार कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनता-जनार्दन ने विरोधियों के दुष्प्रचार को सिरे से खारिज कर सनातन की ध्वजा को बुलन्द करते हुए संगम स्नान किया। जो भी प्रयागराज आया, उसने दो बातों की चर्चा अवश्य की, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री जी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में अपने उद्बोधन में किया। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने यहां की स्वच्छता, स्वच्छताकर्मियों तथा पुलिस के व्यवहार की सराहना की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग, उत्तर प्रदेश के मंत्रालयों तथा विभागों से सामंजस्य बनाते हुए महाकुम्भ को सफलता की ऊँचाई तक पहुंचाने के लिए प्राणप्रण से जुड़े थे। प्रत्येक विभाग ने अपने स्तर पर इस आयोजन में भरपूर सहयोग किया। महाकुम्भ के बहाने प्रयागराज सिटी एक आधुनिक व स्मार्ट सिटी के रूप में चमक रही है।
प्रदेश सरकार के सभी विभागों के कर्मियों ने इसे अपने परिवार का आयोजन समझकर इसमें अपना योगदान दिया। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के मेला अधिकारी, यहां के मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, एडिशनल डी0जी0, कमिश्नर ऑफ पुलिस, डी0आई0जी0 मेला, एस0एस0पी0 मेला ने इस आयोजन के लिए दिन-रात मेहनत की। अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने लखनऊ से आकर व्यवस्था को संभाला। प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव नगर विकास, प्रमुख सचिव सिंचाई, प्रमुख सचिव नमामि गंगे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, चेयरमैन पावर कॉरपोरेशन आदि से रात्रि 10 बजे से किसी व्यवस्था के बारे में कहा जाता था, तो सुबह पता चलता था कि वह वरिष्ठ अधिकारी प्रयागराज पहुंच चुके हैं। ए0डी0जी0 कानून व्यवस्था श्री अमिताभ यश तथा चेयरमैन पावर कॉरपोरेशन श्री आशीष गोयल को हर मुख्य स्नान तथा आयोजन के दौरान यहां भेजा जाता था। एडिशनल डी0जी0 ने यातायात व्यवस्था को बनाए रखने में भी अपना योगदान दिया। अलग-अलग रूट्स पर सीनियर अधिकारी तैनात किए जाते थे।
एडिशनल डी0जी0 स्तर का अधिकारी जनता-जनार्दन की सेवा के लिए सड़कों पर उतरकर यातायात की व्यवस्था देखता था। मेले की व्यवस्था की मॉनीटरिंग के लिए 2,700 सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए गए थे। यह कैमरे 360 डिग्री तक घूम सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से वह लखनऊ से महाकुम्भ की सभी गतिविधियों की मॉनीटरिंग करते थे। सुबह 4 बजे से रात्रि 12 बजे तक स्वच्छताकर्मी सफाई अभियान में लगे रहते थे। इसीलिए आज के भोज का प्रारम्भ स्वच्छताकर्मियों के साथ करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया के एक दर्जन से अधिक देशों के मंत्री अथवा राष्ट्राध्यक्ष इस आयोजन का हिस्सा बने। 74 देशों के एम्बेसडर तथा हाई कमिश्नर भी महाकुम्भ में डुबकी लगाने के लिए आए। पहली बार 80 से अधिक देशों के लोग इस आयोजन में भागीदार बनकर, यहां की व्यवस्थाओं से अभिभूत होकर गए। जितने लोगों ने महाकुम्भ में स्नान किया, उतने लोग भारत और चीन के अलावा, किसी अन्य देश में नहीं है। चीन में लोकतंत्र नहीं है, इसलिए सच्चाई सामने नहीं आती है। भारत दुनिया का एकमात्र लोकतंत्र है, जहां प्रत्येक तरह की धार्मिक तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वेदव्यास त्रिकालदर्शी ऋषि थे। इन्होंने 5,000 वर्ष पूर्व भारत की वेद परम्परा को लिपिबद्ध कर आने वाली पीढ़ियों के लिए समर्पित किया तथा पुराणों और उप-पुराणों की व्यवहारिक शैली का सूत्रपात किया। उन्होंने कहा था कि मैं बाहें उठा-उठा कर कह रहा हूं कि धर्म के मार्ग पर चलो। धर्म से ही अर्थ और कामनाओं की पूर्ति हो सकती है। प्रयागराज महाकुम्भ ने महर्षि वेदव्यास की इस वाणी को सत्य साबित किया। यहां लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था नित नए आयाम गढ़ रही है। नगर निगम द्वारा बनाए गए शिवालय पार्क में लगायी गई पूंजी से कई गुना अधिक मुनाफा प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ के आयोजन को दिव्य व भव्य बनाने में स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों का विशेष योगदान है। 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित हुए इस आयोजन के बाद आज आप सभी का अभिनन्दन करने के लिए पूरी प्रदेश सरकार आपके बीच में हैं। यह विशाल आयोजन सम्पन्न हो चुका है। अब यहां स्वच्छता का विशेष अभियान चलना चाहिए। आज हम सभी ने यहां से इसकी शुरुआत की है। सभी मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी इस अभियान से जुड़ें। प्रत्येक चीज को साफ करते हुए मां गंगा के प्रति हमारी कृतज्ञता ज्ञापित होनी चाहिए। माँ गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा किए गए कार्यों को नए सिरे से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भगवान वेणी माधव, हनुमान जी, माँ गंगा तथा अक्षयवट की कृपा से इतना बड़ा आयोजन सम्पन्न हुआ है। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि यहां स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाया जाए। पड़े हुए फूल, नारियल, कपड़े, जूते-चप्पल आदि को हटाने के लिए अगले 15 दिनों तक प्राणप्रण से जुड़ना पड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, नगर विकास मंत्री श्री अरविन्द कुमार शर्मा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम एवं खादी ग्रामोद्योग मंत्री श्री राकेश सचान, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रामकेश निषाद सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने महाकुम्भ-2025 की औपचारिक पूर्णाहुति के लिए प्रयागराज पहुंचकर अरैल घाट पर स्वच्छता कर्मियों के साथ घाट की सफाई की। उन्होंने गंगा जी के तट पर स्नानार्थियों द्वारा छोड़े गए वस्त्रों को निकालकर महाकुम्भ की समाप्ति के उपरान्त पूरे मेला क्षेत्र की स्वच्छता के अभियान का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी फ्लोटिंग जेट्टी से संगम गए तथा माँ गंगा, माँ यमुना तथा अदृश्य माँ सरस्वती का विधिवत पूजन-अर्चन किया और लोक कल्याण की कामना की। उन्होंने साइबेरियन पक्षियों को दाना खिलाया।

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