लखनऊ, 06 मई 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के लिए इसे समय के अनुरूप अद्यतन करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है, ऐसे में यहां के युवाओं को कौशलयुक्त और आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर एमएसएमई विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
सीएम-युवा योजना के तहत प्रशिक्षण होगा अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (CM-YUVA) के अंतर्गत नवोदित उद्यमियों को ऋण वितरण से पहले उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि केवल आर्थिक सहयोग देना पर्याप्त नहीं, बल्कि उद्यमिता के लिए व्यवहारिक और व्यवसायिक दक्षता भी आवश्यक है।
एमएसएमई: प्रदेश की आर्थिक रीढ़
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ कार्यरत हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में 46% योगदान दे रही हैं और 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘लोकल टू ग्लोबल’ और ‘ब्रांड यूपी’ जैसे अभियानों को सफल बनाने के लिए इस क्षेत्र को रणनीतिक समर्थन देने की बात कही।
स्थानीय कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना
‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ की प्रगति की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि 2018-19 में 7,600 पारंपरिक कारीगरों को प्रशिक्षित किया गया था, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 75,000 से अधिक हो गई। मुख्यमंत्री ने योजना के दायरे को बढ़ाने, टूलकिट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और प्रशिक्षण में नवाचार शामिल करने के निर्देश दिए।
फ्लैटेड फैक्ट्री मॉडल का विस्तार
कानपुर में सफल ‘फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स’ मॉडल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अन्य नगरों में भी लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने निजी क्षेत्र को भी इसमें भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही ताकि शहरी क्षेत्र में सीमित स्थान में अधिक से अधिक उद्योग संचालित हो सकें।
सीएम फेलो और स्वरोजगार योजना
मुख्यमंत्री ने सीएम फेलोशिप कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उनके कार्यों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही बताया गया कि ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ के तहत अब तक 31,000 से अधिक आवेदन स्वीकृत किए गए हैं और 760 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है, जिससे लगभग 2.5 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में इन योजनाओं की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ओडीओपी योजना: पारंपरिक उत्पादों को नया जीवन
‘एक जनपद एक उत्पाद (ODOP)’ योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश की पारंपरिक शिल्प और लघु उद्योगों के उत्थान का माध्यम बना है। 2018 से अब तक 635 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है। उन्होंने इन उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग, उन्नत पैकेजिंग और डिज़ाइन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के निर्देश दिए।
जीआई टैगिंग में उत्तर प्रदेश अग्रणी
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जो देश में सबसे अधिक है। 25 अन्य उत्पादों की टैगिंग प्रक्रिया प्रगति पर है, और इस वर्ष 75 नए उत्पादों को टैग दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने संबंधित उद्यमियों को ‘जीआई ऑथराइज्ड यूज़र’ के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया ताकि उत्पादों की विशिष्ट पहचान बनी रहे और विपणन को बल मिले।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट प्राथमिकता है कि उत्तर प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर न केवल रोजगार सृजन का बड़ा स्रोत बने, बल्कि राज्य के निर्यात और आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी मजबूत भूमिका निभाए। उनके नेतृत्व में युवाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की ठोस रणनीति अपनाई जा रही है।