गोरखपुर के जैतपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7283.28 करोड़ रुपये की लागत से बने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कर पूर्वांचल को तेज़ रफ्तार विकास का उपहार दिया। इस एक्सप्रेस-वे से आजमगढ़, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर और गोरखपुर की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी और गोरखपुर से लखनऊ की दूरी अब मात्र 3 घंटे में तय हो सकेगी।
एक्सप्रेस-वे से विकास की नई गति
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए यह एक्सप्रेस-वे न केवल भौगोलिक दूरी कम करेगा, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को भी तीव्र बनाएगा। “विकास की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर ज़रूरी है,” उन्होंने कहा।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि अब उत्तर प्रदेश, एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी में देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर भारत का औद्योगिक ग्रोथ इंजन बन चुकी है।
औद्योगिक गलियारा और निवेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि हर एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर भी MSME उद्योग, लॉजिस्टिक्स और मत्स्य उत्पाद केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
गीडा क्षेत्र में बीते आठ वर्षों में ₹15,000 करोड़ का निवेश हुआ है जिससे 40,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। यही मॉडल अब एक्सप्रेस-वे से जुड़े अन्य जिलों में भी दोहराया जाएगा।
सुरक्षा और रोजगार में सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बीते आठ वर्षों में 2.16 लाख युवाओं की भर्ती पुलिस बल में की गई है, जिसमें 40,000 से अधिक महिला कर्मी शामिल हैं। पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की गई इस भर्ती प्रक्रिया को केंद्र सरकार ने भी सराहा है।
इन्हीं प्रयासों की बदौलत उत्तर प्रदेश निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्य बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण ही निवेश की सबसे बड़ी गारंटी है।”
एयर कनेक्टिविटी की नई ऊंचाइयाँ
अब गोरखपुर से देश के कई प्रमुख शहरों के लिए 14 फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। यूपी में पहले जहां केवल लखनऊ और वाराणसी में एयरपोर्ट थे, वहीं अब 16 एयरपोर्ट कार्यरत हैं, जिनमें 4 अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है।
गोरखपुर में विकास की असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गोरखपुर में एम्स और फर्टिलाइजर प्लांट पहले ही कार्यशील हो चुके हैं। इसी माह के अंत में गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा।
गोरखपुर से लखनऊ की दूरी जो पहले 3.5 से 4 घंटे में तय होती थी, अब यह एक्सप्रेस-वे उसे 3 घंटे में पूरा कर देगा। आजमगढ़ से यह दूरी घटकर मात्र 2 घंटे रह गई है।
विरासत और विकास का संगम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज केवल विकास नहीं कर रहा, बल्कि अपनी विरासत को भी सहेजते हुए आगे बढ़ रहा है। अयोध्या, प्रयागराज, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन जैसे तीर्थस्थलों पर विकास और परंपरा का अद्भुत समन्वय हो रहा है।
योग दिवस की पूर्व संध्या पर यह एक्सप्रेस-वे लोकार्पण दर्शाता है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ के सिद्धांत पर चलते हुए, सम्पूर्ण आरोग्यता और प्रगति की ओर देश अग्रसर है।
मंत्रीगणों की प्रतिक्रियाएँ
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेस-वे प्रदेश बन चुका है और आने वाले समय में भारत के कुल एक्सप्रेस-वे का 50% हिस्सा यूपी में होगा।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के neglected क्षेत्रों को अब विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है। मुसहर, थारू, वनटांगिया जैसी वंचित जातियों को अब सरकारी योजनाओं से लाभ मिल रहा है।
भविष्य की योजना
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस साल नवंबर में गंगा एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के साथ ही देश के एक्सप्रेस-वे नेटवर्क में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 62% हो जाएगी।
टेक्नोलॉजी और सुविधाओं से लैस
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे में सीसीटीवी निगरानी, हेल्पलाइन, एम्बुलेंस, और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, 154 एकड़ और 362 एकड़ क्षेत्रफल में दो औद्योगिक गलियारों का भी निर्माण किया जा रहा है।