मुख्यमंत्री ने ‘शिक्षक दिवस’ पर 81 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार तथा मुख्यमंत्री शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को कैशलेस उपचार का लाभ देने की घोषणा की, प्रदेश के लगभग 09 लाख शिक्षक लाभान्वित होंगे
शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रसोईयों को भी कैशलेस उपचार का लाभ दिया जाएगा
एक उच्चस्तरीय कमेटी शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही
शिक्षा किसी भी सभ्य समाज और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला : मुख्यमंत्री
एक शिक्षक की तुलना किसी अन्य से नहीं हो सकती, शिक्षक का कार्य बहुत ही सम्मानित कार्य
विगत साढ़े आठ वर्षां में उ0प्र0 में हमने प्रत्येक क्षेत्र में कुछ नया करने का प्रयास किया
सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों का कार्य ना केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि देश के भावी भविष्य के लिए भी एक प्रेरणा
शिक्षा का मानक शासन में बैठे लोगों को नहीं, बल्कि गुरुजन को तय करना चाहिए, शिक्षकों के सुझावों को शासन लागू करेगा
03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बाल वाटिका कार्यक्रम विकसित किया गया, 05 हजार से अधिक बाल वाटिकाएं इस सत्र में प्रारम्भ हो चुकी
सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों और बाल वाटिका पढ़ने वाले 03 से 06 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुख्यमंत्री पोषण मिशन के साथ जोड़ा जाएगा
विभिन्न संस्थाओं की रिपोर्ट के अनुसार देश में शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रगति उ0प्र0 की स्कूली शिक्षा में बेसिक शिक्षा परिषद ने की
नवाचार करने वाले शिक्षकों के कार्यों को पुस्तक के माध्यम से हर विद्यालय में पहुंचाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहानी संग्रह ‘गुल्लक’, हस्तपुस्तिका ‘बालवाटिका’ तथा नवाचार संकलन पुस्तिका ‘उद्गम’ का विमोचन तथा ‘उद्गम’ के डिजिटल पोर्टल का शुभारम्भ किया
माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्रधानाध्यापकों को टैबलेट तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित स्मार्ट क्लास के लिए प्रधानाध्यापकों को प्रमाण-पत्र वितरित किये
लखनऊ : 05 सितम्बर, 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षा किसी भी सभ्य समाज और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला है। यह मात्र अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है। हमारे विद्यार्थी आगे चलकर देश को नेतृत्व देंगे। हमारी शिक्षा व्यवस्था जितनी बेहतर होगी, उतना ही हमारा भविष्य भी बेहतर होगा। शिक्षकगण पथ-प्रदर्शक की भूमिका का निर्वहन करते हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। एक शिक्षक की तुलना किसी अन्य से नहीं हो सकती। शिक्षक का कार्य बहुत ही सम्मानित कार्य है। एक शिक्षक जीवनभर शिक्षक होता है। उसके मन में सीखने व सिखाने का जज्बा होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति, दार्शनिक, विचारक एवं महान शिक्षाविद् डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयन्ती ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर आज यहां लोक भवन में राज्य शिक्षक पुरस्कार तथा मुख्यमंत्री शिक्षक पुरस्कार हेतु चयनित 81 शिक्षकों के सम्मान के लिए आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहानी संग्रह ‘गुल्लक’, हस्तपुस्तिका ‘बालवाटिका’ तथा नवाचार संकलन पुस्तिका ‘उद्गम’ का विमोचन तथा ‘उद्गम’ के डिजिटल पोर्टल का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के 2204 प्रधानाध्यापकों को टैबलेट तथा 1236 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित स्मार्ट क्लास के लिए प्रधानाध्यापकों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस अवसर पर ‘समर कैम्प’ तथा बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यां पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने प्राथमिक विद्यालयों, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों, स्ववित्त पोषित विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को कैशलेस उपचार का लाभ देने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इसके साथ ही, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रसोईयों को भी इसका लाभ प्रदान करेगी। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के लगभग 09 लाख शिक्षक कैशलेस उपचार से लाभान्वित होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग व उच्च शिक्षा विभाग इस सम्बन्ध में एक समय-सीमा में सभी प्रक्रियाओं को पूरा करें, जिससे इस सुविधा का लाभ इन सभी को प्राप्त हो सके। इसके साथ ही, हमने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी है, जो शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। शीघ्र यह रिपोर्ट आने वाली है। हम इस दिशा में बेहतर करने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश में एक सकारात्मक वातावरण बना है। इस वातावरण का सर्वाधिक लाभ विगत साढ़े आठ वर्षां में उत्तर प्रदेश ने लिया है। हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोजगार और कौशल विकास, कृषि विकास और जल संसाधन सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ नया करने का प्रयास किया। इसका परिणाम है कि वर्ष 2017 से पहले जिस उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, आज वही प्रदेश भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर देश की एक ताकत बन रहा है। यह केवल सरकार में बैठे हुए लोगों का पुरुषार्थ नहीं है। यह परिणाम तब आए जब प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी ने एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से उस दिशा में कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो प्रदेश 08 वर्ष पहले अपनी पहचान के लिए मोहताज था, आज उसे अपनी पहचान किसी को बताने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हमारे युवा देश-दुनिया में कहीं भी जाएंगे, तो उत्तर प्रदेश के नाम पर गौरव की अनुभूति होती है। यही प्रदेश 08 वर्ष पहले विकास के हर क्षेत्र में सबसे निचले स्थान पर था। उस समय जिन लोगों ने प्रदेश के नागरिकों के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था, यह वही लोग थे जो अपने समय में कुछ नहीं कर पाए। आज जब शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अलग-अलग क्षेत्रों में जब कुछ रिफॉर्म होते हैं, तो यही लोग नकारात्मक वातावरण बनाकर फिर से उत्तर प्रदेश को उसी कूपमण्डूकता की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने सभी सम्मानित होने वाले शिक्षकगण का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उन सभी ने अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन किया और आज यहां पर राज्य शिक्षक पुरस्कार और मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित हुए है। उनकी (मुख्यमंत्री जी की) हार्दिक इच्छा थी कि वह सभी 81 शिक्षकों का सम्मान करें, जिन्होंने अलग-अलग जनपदों में लीक से हटकर कार्य किया है। उनका यह कार्य ना केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि देश के भावी भविष्य के लिए भी एक प्रेरणा है। यह प्रेरणा विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत की आधारशिला को सुदृढ़ करती है। आज यह संख्या 81 है। कल यही 08 लाख तक पहुंचेगी। यही हमारे विश्वास का आधार बनता है। इसी आधार पर हमने उत्तर प्रदेश में कार्य किया और प्रदेश का कायाकल्प करने में सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश के परसेप्शन को बदलने के लिए अनेक कार्य किये। नीति आयोग ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में हुए नवाचारों में उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के माध्यम से किये गये कार्यां का उल्लेख किया है। यह ऑपरेशन कायाकल्प आज देश के लिए एक प्रेरणा बना है। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 01 लाख 36 हजार विद्यालयों का 19 पैरामीटर के आधार पर विकास किया गया है। इससे स्कूलों में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। पहले बेटियां इसलिए स्कूल छोड़ देती थीं, क्योंकि उनके लिए विद्यालय में अलग से टॉयलेट नहीं थे। बच्चे बीमार होते थे, क्योंकि विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। स्कूल एक बार छूटा, तो फिर हमेशा के लिए छूट जाता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज इन 01 लाख 36 हजार विद्यालयों में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था दी गयी है। विद्यालय में अच्छी फर्श बनी है। इनमें फर्नीचर, स्मार्ट क्लास तथा डिजिटल लाइब्रेरी जैसे परिवर्तन हुए हैं। विगत दो वर्ष पूर्व हमने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ प्रारम्भ किया था। इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जर्जर विद्यालयों के नये भवन बनाए गये और वहां नये संसाधन दिए गये। इसके लिए लगातार कार्य किया गया। वर्तमान में 10 हजार से अधिक ऐसे विद्यालयों को ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के अन्तर्गत एक नया भवन मिला है और वहां पठन-पाठन का सुरक्षित माहौल दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा में वर्ष 2017 के पहले पूरी तरह अराजकता थी। इनमें पठन-पाठन का माहौल नहीं था। नकल यहां की पहचान बन गई थी। अन्य प्रदेशों के बच्चे यहां सर्टिफिकेट लेने के लिए आते थे। हमने नकल पर पूरी तरह रोक लगायी और परीक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया एक महीने में पूरी की। अब विद्यालयों में सी0सी0टी0वी0 कैमरे भी लग गए हैं और भी अन्य रिफॉर्म हुए हैं। इस परीक्षा प्रणाली से उत्तीर्ण हुए बच्चों की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं कर सकता है। 56 लाख विद्यार्थी माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग कर रहे हैं। आज माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं पर कोई प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं कर सकता है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के कार्य सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
आज हम बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद और स्वपोषित विद्यालयों के 81 शिक्षकों का सम्मान कर रहे हैं। इसके लिए कुछ पैरामीटर तय किए गए हैं। पहले यह कार्य सिफारिश के माध्यम से होता था। जो शिक्षक ईमानदारी से काम करते थे, उन्हें यह सम्मान नहीं मिलता था। हमने इस व्यवस्था में बदलाव किया और वास्तविक शिक्षक को सम्मानित करने की व्यवस्था की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज वह बाहर थे और विशेष रूप से शिक्षकों के
उत्कृष्ट कार्य के लिए उनका अभिनंदन करने के लिए यहां आए हैं। यह सम्मान केवल एक शिक्षक का सम्मान नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान और भावी पीढ़ी का भी सम्मान है। यह उन्हें आगे बढ़ने की एक प्रेरणा है। उत्तर प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में हुए सकारात्मक परिवर्तनों का केन्द्र बिन्दु रहा है। यहां के बहुत सारे युवा विभिन्न राज्यों में शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश देश को अच्छे शिक्षक प्रदान करने वाला राज्य रहा है। शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को हमें गति देनी होगी। आज देश आगे बढ़ रहा है। इसमें हमें भी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना होगा। शिक्षा का मानक शासन में बैठे लोगों को नहीं, बल्कि गुरुजन को तय करना चाहिए। शिक्षकों के सुझावों को शासन लागू करेगा। बच्चों के लिए भारी-भरकम पाठ्यक्रम उचित नहीं है। आज टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है। हमें उसके अनुरूप अपने आप को तैयार करना होगा। इसी दिशा में सरकार द्वारा कुछ नये प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बाल वाटिका नामक एक नया कार्यक्रम विकसित किया है। 05 हजार से अधिक बाल वाटिकाएं इस सत्र में प्रारम्भ हो चुकी हैं, जिनके माध्यम से 25 हजार से अधिक बच्चों को वहां पढ़ाने-लिखाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। प्रदेश सरकार ने यह तय किया है कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों और बाल वाटिका में जो बच्चे पढ़ेंगे, उन 03 से 06 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुख्यमंत्री पोषण मिशन के साथ जोड़ा जाएगा। हमारे बच्चे स्वस्थ रहेंगे, तो उत्तर प्रदेश की नींव भी सशक्त होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में एक ओर स्कूल मर्जर एवं बाल वाटिका के बारे में दुष्प्रचार हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस सम्बन्ध में कुछ विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने अच्छा कार्य करके उदाहरण प्रस्तुत किए हैं और नकारात्मक लोगों को जवाब दिया है। जब हम लीक से हटकर कार्य करते हैं, तब वही नवाचार बनता है और वही लोगों के लिए एक नई प्रेरणा भी बनती है। उत्तर प्रदेश ने ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत जैसे कार्यक्रमों में सराहनीय कार्य किया है। नीति आयोग और देश में शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न संस्थाओं की रिपोर्ट यह बताती है कि देश में शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रगति उत्तर प्रदेश की स्कूली शिक्षा में बेसिक शिक्षा परिषद ने की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के लिए बुक्स, यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, शूज, मोजे, स्वेटर इत्यादि की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है। अध्यापकगण बच्चों को साफ यूनिफॉर्म पहनकर आने के लिए प्रेरित करें। विद्यालयों का वातावरण साफ-सुथरा होना चाहिए। राष्ट्रीय पर्वां के अवसर पर गांव की प्रबन्ध समिति के साथ जुड़कर कार्यक्रमों को रोचक बनाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े नवाचारों में आज यहां 03 पुस्तकों-बाल वाटिका, गुल्लक व उद्गम का विमोचन सम्पन्न हुआ है। हमारी पाठ्य-पुस्तकों में भारतीय प्रेरणादायी पात्र होने चाहिए। देश के नायकों से जुड़ी कहानियां बच्चों को एक नई प्रेरणा व अपनेपन का एहसास प्रदान करती हैं। खेल-खेल में बच्चों को सिखाना चाहिए। मध्यान्ह के समय बच्चों को दिए जाने वाला भोजन स्वादिष्ट व पोषणयुक्त होना चाहिए। जिन शिक्षकों ने अपने विद्यालय में कुछ नया किया है, उनके नवाचार पुस्तक के माध्यम से प्रकाशित होकर हर विद्यालय में पहुंचने चाहिए। इस कार्यक्रम में सम्मानित किए गए सभी शिक्षक शिक्षा जगत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने कहा कि डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किये। उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में याद किया जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा निष्पक्ष एवं पारदर्शी परीक्षा के माध्यम से योग्य शिक्षकों का चयन किया जा रहा है। हमने परीक्षाओं में नकल पर पूर्ण रोक लगायी है।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान ही प्रदान नहीं करते, बल्कि वह राष्ट्र निर्माता भी हैं। शिक्षक ही विद्यार्थियों में सही और गलत की पहचान करने की क्षमता विकसित करते हैं। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में हर बच्चे को बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करायी गयी है। डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयन्ती शिक्षक दिवस के अवसर पर हम शिक्षकों की निष्ठा का सम्मान करने के लिए एकत्र हुए हैं।
इस अवसर पर प्रभारी मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा, निदेशक सूचना श्री विशाल सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारीगण तथा शिक्षकगण उपस्थित थे।
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