जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने 48 घंटों के भीतर दो अलग-अलग मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के छह आतंकवादियों को मार गिराया। इन अभियानों में मारे गए सभी आतंकी पुलवामा के निवासी थे। यह कार्रवाई क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की सतर्कता और प्रभावी रणनीति का परिणाम है।
पहली मुठभेड़: शोपियां में लश्कर के आतंकवादी ढेर
13 मई को शोपियां जिले के केलर क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक अभियान के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इनमें से एक स्थानीय कमांडर शाहिद कुट्टे था, जो कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया।
दूसरी मुठभेड़: त्राल में जैश के आतंकवादी मारे गए
15 मई को पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र के नादेर गांव में सुरक्षा बलों ने एक अन्य अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई है। इनमें से आमिर नजीर वानी की मुठभेड़ से पहले अपनी मां से वीडियो कॉल के दौरान आत्मसमर्पण की अपील को ठुकराने की घटना ने मानवता को झकझोर दिया।
सुरक्षा बलों की रणनीति और सफलता
इन अभियानों में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर आतंकियों के ठिकानों को घेरा और मुठभेड़ को अंजाम दिया। सुरक्षा बलों ने अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग करते हुए आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की।
पुलवामा में हुई इन मुठभेड़ों से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ सख्त और प्रभावी कदम उठा रहे हैं। इन सफलताओं से क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।