एक बार फिर संकट की घड़ी में भारतीय वायुसेना ने साबित किया कि देशवासियों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बीते दिनों एक इंडिगो विमान, जिसमें 227 लोग सवार थे, तकनीकी खराबी के चलते आपात स्थिति में था और उसे नजदीकी एयरस्पेस की ज़रूरत थी। ऐसे में पाकिस्तान से मदद मांगी गई, लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। समय की नजाकत को समझते हुए भारतीय वायुसेना ने तुरंत मोर्चा संभाला और सभी यात्रियों की जान बचाई।
घटना उस समय की है जब इंडिगो की यह फ्लाइट मध्य एशिया से लौट रही थी और भारतीय सीमा के करीब थी। तकनीकी गड़बड़ी के कारण पायलट ने आपात लैंडिंग की अनुमति मांगी। अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत किसी भी देश को संकट की स्थिति में मानवता के आधार पर सहायता देनी होती है, लेकिन पाकिस्तान ने इस अनुरोध को अनदेखा कर दिया।
स्थिति बेहद नाजुक थी। विमान हवा में था, यात्रियों में घबराहट थी, और ईंधन भी सीमित था। ऐसे में भारतीय वायुसेना ने तत्काल हरकत में आते हुए फ्लाइट को भारतीय हवाई क्षेत्र में सुरक्षित प्रवेश की अनुमति दी और पास के एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करवाई।
विमान के उतरने के बाद इंडिगो एयरलाइंस और यात्रियों ने भारतीय वायुसेना का आभार जताया। एक यात्री ने कहा, "कुछ पल तो ऐसा लगा मानो जीवन खत्म होने वाला है, लेकिन वायुसेना की तत्परता ने हमें नई जिंदगी दी।"
यह घटना केवल एक तकनीकी आपातकाल नहीं थी, बल्कि यह मानवीयता और संवेदनशीलता की परीक्षा भी थी, जिसमें भारत ने खरा उतरते हुए दुनिया को दिखा दिया कि उसकी प्राथमिकता हर जीवन की रक्षा है। वहीं, पाकिस्तान की चुप्पी अंतरराष्ट्रीय हवाई आचार संहिता पर सवाल खड़े करती है।