इज़रायल और हमास के बीच जारी युद्ध ने ग़ज़ा पट्टी को एक खुले कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया है। इज़रायल द्वारा की जा रही सख्त नाकेबंदी, मानवीय सहायता की रोकथाम और लगातार हो रही बमबारी से ग़ज़ा में हालात भयावह हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा चेतावनी के मुताबिक, यदि जल्द ही सहायता नहीं पहुंचाई गई तो अगले 48 घंटों में करीब 14,000 बच्चों की जान जा सकती है।
मानवीय संकट की भयावह तस्वीर
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने ग़ज़ा के हालात को ‘अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी’ करार दिया है। न सिर्फ भोजन, पानी और दवाइयों की भारी कमी है, बल्कि बिजली, ईंधन और संचार व्यवस्था भी लगभग ठप हो चुकी है। अस्पतालों में जीवन रक्षक उपकरण बंद पड़ गए हैं और मृतकों को दफनाने की जगह भी नहीं बची है।
नाकेबंदी से बिगड़े हालात
इज़रायली सेना द्वारा ग़ज़ा के दक्षिणी हिस्से रफ़ा को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जहां से पहले मानवीय राहत सामग्री पहुंचाई जा रही थी। इससे अब सीमाओं पर खड़े ट्रक सहायता सामग्री के साथ फंसे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने इस नाकेबंदी को "अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का गंभीर उल्लंघन" बताया है।
बचपन पर कहर
UNICEF के अनुसार ग़ज़ा में करीब 3.5 लाख बच्चे कुपोषण, संक्रमण और बमबारी के भय के साए में जी रहे हैं। कई बच्चे माता-पिता को खो चुके हैं और हजारों घायल हैं। स्कूल, आश्रयगृह और अस्पताल तक सुरक्षित नहीं बचे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, यदि राहत नहीं पहुंचाई गई तो हर घंटे कम से कम 10 बच्चों की जान जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अमेरिका, यूरोपीय संघ, अरब लीग और अन्य देशों ने इज़रायल से मानवीय गलियारा खोलने की अपील की है। हालांकि इज़रायल का कहना है कि वह हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है और किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच, मिस्र और कतर के माध्यम से एक अस्थायी युद्धविराम के प्रयास भी जारी हैं।
भारत की स्थिति
भारत ने भी ग़ज़ा में बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने मानवीय सहायता पहुंचाने की आवश्यकता को दोहराया है।
ग़ज़ा की स्थिति अब केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि एक गंभीर मानवीय आपदा बन चुकी है। यदि जल्द ही राहत नहीं पहुंची, तो यह युद्ध हजारों मासूम जिंदगियों को निगल सकता है।