उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी सोरों अब तीर्थ पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने जा रही है। कासगंज जिले के इस ऐतिहासिक स्थल को काशी और अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की योजना को सरकार ने हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने सोरों के समग्र विकास के लिए 724 करोड़ रुपये के परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास को प्राथमिकता
सोरों शूकरक्षेत्र न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संत तुलसीदास और संत एकनाथ जैसे संतों से जुड़ा स्थल भी रहा है। सरकार की योजना के तहत यहां पर घाटों का सौंदर्यीकरण, श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं, धार्मिक पथ, होमस्टे योजनाएं, रोपवे और पर्यटक सूचना केंद्र जैसी व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी।
काशी और अयोध्या मॉडल की झलक
राज्य सरकार ने जिस तरह से काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में राम मंदिर परिसर के आसपास पर्यटन और धार्मिक आधारभूत संरचनाओं का विकास किया है, उसी तर्ज पर अब सोरों में भी योजनाएं लागू की जाएंगी। इससे एक ओर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी इज़ाफा होगा।
प्रशासनिक तैयारी शुरू
कासगंज प्रशासन ने मास्टर प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। जिला पर्यटन अधिकारी के अनुसार, पहले चरण में घाटों की सफाई, सीवरेज लाइन का सुधार, सड़क चौड़ीकरण और रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा, पर्यटकों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड का आधुनिकीकरण भी प्रस्तावित है।
स्थानीय जनता में उत्साह
सोरों के स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में इस घोषणा के बाद खासा उत्साह देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस योजना से न केवल धार्मिक महत्व को पुनर्जीवित किया जाएगा, बल्कि शहर की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।