भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के झूठे प्रचार और भारत विरोधी एजेंडे का जवाब देने के लिए एक अहम रणनीति बनाई है। इसके तहत देश के सात प्रमुख सांसदों के डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है। इन डेलिगेशनों का उद्देश्य है — भारत का पक्ष मजबूती से रखना, पाकिस्तान की साजिशों को उजागर करना, और कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर सच्चाई सामने लाना।
अमेरिका जाएंगे शशि थरूर, सऊदी अरब में होंगे असदुद्दीन ओवैसी
डेलिगेशन में कांग्रेस सांसद और पूर्व विदेश राज्यमंत्री डॉ. शशि थरूर को अमेरिका भेजा जा रहा है, जहां वे अमेरिकी थिंक टैंक्स, सांसदों और प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे। वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सऊदी अरब जाएंगे, जहां वे इस्लामिक देशों के प्रतिनिधियों से मिलकर पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों और कट्टरपंथी विमर्श का खंडन करेंगे।
कौन-कौन सांसद जा रहे हैं मिशन पर?
इस डेलिगेशन में सात सांसद शामिल हैं, जिनमें सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधित्व को शामिल किया गया है। इस मिशन के तहत ये सांसद अमेरिका, यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में रणनीतिक संवाद करेंगे।
उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय जनमत को भारत के पक्ष में मोड़ना
इन सांसदों को इस बात की जिम्मेदारी दी गई है कि वे पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों, आतंकवाद के पनाहगार होने, और भारत के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार की पोल खोलें। साथ ही, कश्मीर में सामान्य स्थिति, लोकतंत्र की बहाली और स्थानीय विकास की सच्ची तस्वीर भी सामने रखी जाएगी।
सरकार की ‘पब्लिक डिप्लोमेसी’ रणनीति
यह डेलिगेशन विदेश मंत्रालय और संसद की विदेश मामलों की समिति के सहयोग से भेजा जा रहा है। यह ‘पब्लिक डिप्लोमेसी’ की रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत की विदेश नीति को जनता और नीति निर्माताओं तक सीधे पहुंचाना है।