यूक्रेन पर रूस द्वारा किया गया ताज़ा हमला अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला बन गया है। रूसी सेना ने एक ही दिन में यूक्रेनी ठिकानों पर कुल 273 ड्रोन दागे, जो बीते तीन वर्षों के युद्धकाल में अब तक की सबसे बड़ी एकल ड्रोन कार्रवाई है। इस हमले से यूक्रेन के कई सैन्य व औद्योगिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं, वहीं कुछ नागरिक क्षेत्रों में भी क्षति की खबरें सामने आई हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को "रणनीतिक जवाब" बताते हुए कहा है कि रूस अब युद्ध को समाप्त करने के मूल कारणों को समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रहा है। उनका स्पष्ट संकेत था कि यूक्रेन को हथियार व सैन्य सहयोग देने वाले देशों और संगठनों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया जाएगा।
हमला कितना व्यापक था?
यूक्रेनी सेना के अनुसार, शनिवार की रात से लेकर रविवार सुबह तक रूस ने 273 कामिकाज़े ड्रोन यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में दागे। इनमें से कई ड्रोन राजधानी कीव, खारकीव, ओडेसा और डोनबास क्षेत्र में लक्ष्य बनाए गए। यूक्रेन ने दावा किया है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश ड्रोन को हवा में ही मार गिराया, लेकिन कुछ ड्रोन औद्योगिक क्षेत्रों, रेलवे स्टेशनों और बिजली संयंत्रों तक पहुंचने में सफल रहे।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, "यह हमला हमारी ऊर्जा और परिवहन अवसंरचना को कमजोर करने का प्रयास था। दुश्मन चाहता है कि देश में अफरा-तफरी फैले और हमारी रक्षा क्षमता चरमरा जाए।"
पुतिन की प्रतिक्रिया और रणनीति
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हमले के बाद दिए एक साक्षात्कार में कहा, "रूस की सैन्य कार्रवाई अब केवल जवाबी नहीं, बल्कि निर्णायक रूप से युद्ध के कारणों को खत्म करने की दिशा में केंद्रित है। हम उन ताकतों को निष्क्रिय कर रहे हैं जो इस संघर्ष को लगातार बढ़ावा दे रही हैं।"
पुतिन के इस बयान को पश्चिमी देशों के प्रति एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर नाटो (NATO) और अमेरिका, जो लगातार यूक्रेन को हथियार, प्रशिक्षण और खुफिया सहायता दे रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूक्रेन पर रूस के इस भीषण हमले को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और नाटो देशों ने तीखी आलोचना की है। अमेरिका ने इस हमले को ‘युद्ध अपराध’ करार देते हुए रूस पर और कठोर प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने की घोषणा की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का यह नया अध्याय इस बात की पुष्टि करता है कि संघर्ष अब और अधिक तीव्र, तकनीकी और वैश्विक रूप ले चुका है। ड्रोन तकनीक का यह युद्ध में बढ़ता प्रयोग न केवल सैन्य रणनीति को बदल रहा है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।